देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. 350 प्लस सीटों के टारगेट को हासिल करने के लिए बीजेपी अब उन 160 सीटों पर फोकस कर रही है, जिन पर वह 2019 लोकसभा चुनाव में हार गई थी. पार्टी ने इन 160 सीटों को सी और डी कैटेगिरी में बांट दिया है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 350 प्लस सीटों का टारगेट रखा है. 2019 लोकसभा चुनाव में हारी हुई 160 सीटों को फतह करने का बीजेपी ने फुल प्रूफ प्लान बकायदा तैयार कर रखा है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने कमजोर सीटों पर पहले उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी है. मिशन-160 की C-D कैटेगिरी वाली सीटों पर कैंडिडेट के चयन के लिए बैठक बुलाई गई है. इस तरह बीजेपी ने पिछले चुनाव में हारी हुई सियासी बाजी को 2024 में जीतने की मुहिम को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है.
मिशन-160 की बैठक
बीजेपी ने मिशन-160 सीटों के लिए एक सितंबर को पार्टी के केंद्रीय कार्यलय में बैठक बुलाई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित लोकसभा प्रवास से जुड़े दर्जनभर केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारी इस बैठक में शिरकत करेंगे. कमजोर सीटों पर जीतने की रणनीति पर मंथन करने के साथ-साथ इन 160 लोकसभा सीटों के प्रभारी नेताओं के साथ समीक्षा भी की जानी है.
कैंडिटेट के टिकट पर मंथन
2019 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों को जीतने के लिए बीजेपी हरसंभव कोशिशों में जुटी है. इस कड़ी में मिशन-160 पर बीजेपी अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है. बीजेपी कमजोर लोकसभा सीटों पर समय से पहले ही उम्मीदवारों को चिन्हित कर टिकट देने की तैयारी में है. एक सितंबर को होने वाली बैठक में कमजोर सीटों के कैंडिडेट चयन को लेकर मंथन किया जाना है, ताकि इन सीटों पर समय से पहले कैंडिडेट उतारे जा सकें और उन्हें अपने प्रचार-प्रचार के लिए उचित समय मिल सके.
हारी बाजी जीतने का प्लान
बीजेपी 2019 की हारी हुई लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पिछले एक साल से ज्यादा समय से मशक्कत कर रही है. इन 160 सीटों पर बीजेपी लोकसभा प्रवास योजना के तहत काम कर रही है. बीजपी इन सीटों पर कितना फोकस कर रही है, उसे इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी ने 160 सीटों को सी और डी कैटेगिरी में बांट रखा है. सी और डी कैटेगिरी में 80-80 सीटें रखी गई हैं. इन सीटों पर जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह और पीएम मोदी तक की नजर लगी हुई है.
किस राज्य की कितनी सीट?
बीजेपी के मिशन-160 में ज्यादातर सीटें दक्षिण भारत की हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल की भी सीटें है. यूपी की 16 सीटों पर बीजेपी 2019 में हारी थी, जिनमें से दो सीटें के उपचुनाव में पार्टी जीत दर्ज कर चुकी है. इस तरह से यूपी की 14 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर जीत की रणनीति की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को सौंपी गई है. मध्य प्रदेश की एक सीट छिंदवाड़ा हैं, जहां से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सांसद हैं.
कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कमल खिलाने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर है. इस तरह बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के पास बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. बीजेपी के पास वर्तमान में 17 सीटें हैं. इस तरह से जेडीयू की 16 और कांग्रेस के कब्जे वाली बिहार की एक सीट को जिताने का प्रभार तावड़े के ऊपर है. इस तरह से बीजेपी हारी 160 सीटों को जिताने के लिए क्लस्टर प्रभारी बनाकर माइक्रो लेवल पर काम कर रही है.
मिशन-160 के लिए 40 मंत्री
मिशन-160 के लिए बीजेपी ने 40 केंद्रीय मंत्रियों की अलग-अलग टीम गठित कर रखी है. मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को प्रभारी बनाया गया है, जिनमें हर एक मंत्री के पास 2 से 3 लोकसभा सीट की जिम्मेदारी है. प्रभारी मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ जिम्मे वाली लोकसभा क्षेत्रों का कार्यभार संभाल रहे हैं. इन 160 सीटों पर ये नेता भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक और जातीय समीकरण का ब्लूप्रिंट तैयार करने के साथ-साथ संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने भी जिम्मेदारी है. इन्हीं उम्मीदवारों को 2024 में टिकट वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी.