वाराणसी में G20 कल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,मुझे खुशी है कि हम वाराणसी में मिल रहे हैं, जो मेरा संसदीय क्षेत्र है। काशी न केवल दुनिया का सबसे पुराना जिंदा शहर है। बल्कि सारनाथ जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, वो यहां से दूर नहीं है। यह वास्तव में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी है।
उन्होंने कहा,4C... कल्चर, क्रिएटिविटी, कॉमर्स और कॉरपोरेशन से दुनिया आगे बढ़ेगी। मुझे खुशी है कि आपके समूह ने कल्चर यूनाइट्स ऑल अभियान शुरू किया है। यह वसुधैव कुटुंबकम...एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना को ही समाहित करता है।
कहा,मैं आपके द्वारा G20 एक्शन प्लान को सॉलिड परिणामों के साथ शेप देने में निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना करता हूं। यह हमें एक समावेशी और शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए सांस्कृतिक शक्ति का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाएगा। काशी को ज्ञान, कर्तव्य और सत्य का खजाना माना जाता है। भारत का मंत्र है विरासत भी, विकास भी।
G-20 के इतिहास में संस्कृति को समर्पित अंतिम बैठक में पीएम मोदी 9 मिनट के वीडियो संदेश दिया।
इसके अतिरिक्त, G-20 कल्चरल वर्किंग ग्रुप (CWG) के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें मामूली संशोधनों के बाद 20 सूत्रीय दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए गए। सांस्कृतिक क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए वैश्विक भागीदारी का दावा किया गया।
CWG के सदस्य भी शामिल
भारत की अध्यक्षता में G- 20 संस्कृति मंत्रियों की बैठक शनिवार को एक होटल में आयोजित हुई। इसमें 20 देशों के 170 सदस्यों और 9 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मसौदा घोषणा पर मंत्रियों ने चर्चा की। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी.किशन रेड्डी और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने संस्कृति की एकजुट शक्ति पर प्रकाश डाला। सांस्कृतिक मंत्रियों की बैठक के 4 मुद्दों पर मूल प्रस्ताव रखे।
संस्कृति मंत्रियों की घोषणा के मसौदे पर सत्र में नीति निर्धारण में संस्कृति को केंद्र में रखकर प्रस्ताव रखे गए। इसमें व्यापार, पर्यटन और डिजिटल क्षेत्रों जैसे अन्य प्रमुख नीति क्षेत्रों के साथ इसके पारस्परिक संबंधों का लाभ का विषय भी बताया। जी-20 कल्चरः शेपिंग दी ग्लोबल नैरेटिव फॉर इंक्लूसिव ग्रोथ, नाम की एक वीडियो रिपोर्ट दिखाई जाएगी।
इसमें बताया गया कि G-20 में शामिल इन सभी देशों की गणना करें तो दुनिया की दो तिहाई आबादी रहती है। दुनिया की 3% जीडीपी, कला, संस्कृति से आती है, जबकि यह क्षेत्र 6% से ज्यादा रोजगार देता है। इसलिए नीति निर्धारण में प्रस्ताव अर्थव्यवस्था पर असर डालेंगे।
वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है थीम
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव लिली पांडे ने बताया कि बैठक का लक्ष्य नीति-निर्माण के केंद्र में संस्कृति को रखकर कारगर परिणामों को पाना है। G-20- देशों सहित 9 आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 170 डेलीगेट्स इसमें शामिल हो रहे हैं। इसकी थीम वसुधैव कुटुम्बकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है।
वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरित सांस्कृतिक परियोजनाओं का एक मजबूत कार्यक्रम विकसित किया है। G-20 संस्कृति ट्रैक कल्चर फॉर लाइफ के विचार पर आधारित है। यानी सतत जीवन के लिए एक अभियान के तौर पर पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली तय करना है। भारतीय संस्कृति मंत्रालय की अध्यक्षता में 4 मुद्दों पर प्रस्ताव बनेंगे। फिर इन पर G-20 देशों के संस्कृति मंत्री चर्चा करेंगे।
संस्कृति मंत्रियों की बैठक में इन 4 मुद्दों पर चर्चा
सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण और दोबारा स्थापित करना
जीवन शैली, पर्यावरण और भाषाओं का बचाव
पारंपरिक कला, रचनात्मक और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
संस्कृति को सहेजने में डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना
संस्कृति सिर्फ हमारी पहचान का हिस्सा नहीं
केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने एक ऐसे भविष्य की आशा व्यक्त की जहां संस्कृति सिर्फ हमारी पहचान का हिस्सा नहीं होगी बल्कि सतत विकास, सामाजिक समावेश और वैश्विक सद्भाव के लिए एक प्रेरक शक्ति होगी। उन्होंने कहा कि चार प्राथमिकता वाले क्षेत्र समावेशी और टिकाऊ भविष्य के हमारे दृष्टिकोण की आधारशिला हैं। इनमें से प्रत्येक प्राथमिकता एक ऐसी दुनिया को दर्शाती है जो सांस्कृतिक रूप से विविध है फिर भी एकीकृत है, एक ऐसी दुनिया जहां सांस्कृतिक विरासत अतीत का स्तंभ और भविष्य का मार्ग दोनों है। भविष्य की यात्रा G20 सदस्य देशों और अन्य लोगों के बहुमूल्य योगदान के बिना संभव नहीं होती।
साझा सांस्कृतिक विरासत पर मंथन
वाराणसी प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के दौरान तैयार किया गया मसौदा सभी ने स्वीकारा। कहा गया कि यह सांस्कृतिक क्षेत्र समेत हमारे साझा भविष्य को आकार देने में सहायक होगा। सामूहिक ज्ञान और साझा जिम्मेदारियों के माध्यम से, हम अपने सामने मौजूद चुनौतियों को वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक प्रगति के अवसरों में बदल सकते हैं। साझा सांस्कृतिक विरासत वह डोर है जो हम सभी को जोड़ती है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत की शक्ति को हमारे निर्णयों और कार्यों का मार्गदर्शन करना चाहिए।
आज विशेष डाक टिकट जारी करेगा मंत्रालय
भारत ने G-20 CWG के तहत संस्कृति सभी को एकजुट करती है अभियान शुरू किया था। 26 अगस्त को अभियान की स्मृति में एक विशेष डाक टिकट जारी किया जाएगा। कल्चर यूनाइट्स ऑल डाक टिकट को सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतिनिधित्व करने और सांस्कृतिक संदर्भ स्थापित करने के लिए कनेक्टिविटी, संचार और यात्रा संबंधी विचारों को मिलाकर एक विशिष्ट प्रतीक के रूप में तैयार किया गया है।
G-20 में इन देशों की भगीदारी
भारत की अध्यक्षता में हो रही G-20 देशों के प्रतिनिधि संस्कृति डेलीगेट्स की बैठक में शिरकत करेंगे। कल्चरल वर्किंग ग्रुप के 170 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और यूएसए देश शामिल हैं।