UP: आकाश आनंद बसपा के यूथ आइकन, चंद्रशेखर के सवाल पर बोले कौन है ये भीम आर्मी, कांशीराम को इंग्लिश में बताते हैं सोर्स आफ इंस्पिरेशन

UP: आकाश आनंद बसपा के यूथ आइकन, चंद्रशेखर के सवाल पर बोले कौन है ये भीम आर्मी, कांशीराम को इंग्लिश में बताते हैं सोर्स आफ इंस्पिरेशन

दलितों की राजनीति करने वाली पार्टी बसपा। कांशीराम के बाद इस पार्टी का चेहरा हमेशा मायावती रहीं। मगर ऐसा पहली बार है, जब बसपा में सेकेंड लीडरशिप तैयार की जा रही है। मायावती अब अपनी पार्टी की जिम्मेदारी अपने भतीजे आकाश आनंद के कंधों पर डालती हुई दिख रही है।

इसका पहला संकेत तब दिखा, जब आकाश को चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का उत्तरदायित्व सौंपा।

दूसरा संकेत, 23 अगस्त को लखनऊ स्थित बसपा कार्यालय में दिखा। उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी के साथ 2024 के चुनाव को लेकर एक अहम बैठक के बाद मायावती आकाश के कंधे पर हाथ रखे दिखीं।

दरअसल, इस बैठक में आकाश आनंद उस लाइन में बैठे, जहां पर पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं को बैठाया गया था। अब कहा जा रहा है कि बसपा आकाश आनंद को यूथ आइकन के तौर पर पेश कर रही है। वो इंग्लिश के शब्दों का भाषण में इस्तेमाल करते हैं, कांशीराम को सोर्स ऑफ इंस्पिरेशन बताते हैं।

INDIA गठबंधन में शामिल अखिलेश के सहयोगी माने जा रहे चंद्रशेखर रावण की यूथ पॉलिटिक्स की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आप भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को चुनौती के तौर पर देखते हैं, तो उन्होंने कहा...कौन भीम आर्मी, हम नहीं जानते ऐसी किसी चीज को।

आगे पढ़ते हैं आकाश आनंद के बदलते तेवर और राजनीति की नर्सरी में दांव लगाने के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान में क्यों कर रहे हैं सबसे ज्यादा मेहनत...

राजस्थान और मध्यप्रदेश में लोगों के लिए पैठ बना रहे आकाश

2 महीने के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले आकाश आनंद सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर चुके हैं। आकाश ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल भवन घेरने का ऐलान किया। यह बात 9 अगस्त की है। आकाश आनंद ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर साढ़े तीन हजार किलोमीटर की सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा शुरू की। इस यात्रा को बहुजन अधिकार यात्रा भी नाम दिया गया है।

बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली गई। यात्रा प्रदेश के करीब 150 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। सियासी जानकर बताते हैं कि यात्रा के दौरान दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की रणनीति के तहत बसपा काम कर रही है।

बुआ के साथ पहली बार 2017 में नजर आए आकाश

मई 2017 के सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में भड़की जातीय हिंसा के बाद जब मायावती वहां पहुंची थीं तो आकाश उनके साथ पहली बार नजर आए थे। लखनऊ में बसपा कोऑर्डिनेटर की बैठक में भी मायावती ने आकाश का परिचय अपने भतीजे के रूप में करवाया था।

2019 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ के ताज होटल में जब 12 जनवरी को सपा और बसपा गठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी। तब आकाश मौजूद थे। 2019 में इसके बाद 13 जनवरी को जब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मायावती से मुलाकात की तो उस वक्त भी आकाश वहां नजर आए थे। 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन के मौके पर भी आकाश बुआ के साथ दिखे।

9 जुलाई 2023 को बुआ भतीजे को लेकर चर्चा तब शुरू हुई, जब आकाश आनंद और उनके पिता आनंद कुमार की कुर्सी अलग लगाई गई थी।

यूथ में पकड़ और दलित मूवमेंट के लिए फ्रंट लाइन में आकाश

बात 10 अगस्त 2023 की है। जब आकाश मध्य प्रदेश पहुंचते हैं। आकाश आनंद से जब ये सवाल किया गया कि क्या आप भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर चुनौती के तौर पर देखते हैं, तो उन्होंने कहा...कौन भीम आर्मी, हम नहीं जानते ऐसी किसी चीज को। आकाश आनंद ने चंद्रशेखर को पहचानने से ही इनकार कर दिया और कहा कि ऐसे छोटे-मोटे लोगों के लिए हमारे पास समय नहीं है।

हमारी अपनी जनता इतनी है, इतने लोग हैं, जिनके लिए हमें काम करने की जरूरत है। हम अपना काम कर रहे हैं। वहीं बसपा के राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मायावती ने चंद्रशेखर की कार्ड के लिए आकाश आनंद को दलित वर्ग के यूथ मैं पकड़ बनाने और दलित मूवमेंट को तेज करने के लिए आगे किया है।

अब आपको बताते हैं कि आकाश आनंद भाषण कैसा देते हैं...

9 अक्तूबर 2021 को हरियाणा के अंबाला में बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर आकाश ने कहा था,कांशीराम आज हमारे बीच में नहीं हैं। लेकिन उनके विचार हमें आज भी प्रेरणा देते हैं।

आकाश अपने भाषण में अंग्रेजी के अल्फ़ाज़ का काफ़ी इस्तेमाल करते हैं। जैसे कांशीराम के बारे में बात करते हुए वो उन्हें अंग्रेज़ी में, सोर्स ऑफ इंस्पिरेशन बताते हैं।

आकाश के फेसबुक प्रोफाइल पर उनका दक्षिण भारत में दिया गया भाषण भी मिला। जिसमें उन्होंने अंग्रजी में 24 मिनट लंबा भाषण दिया है। उसमें आकाश के पीछे बड़ी सी वीडियो स्क्रीन में दिख रहे प्रोजेक्शन में एक टेलीप्रॉम्प्टर भी नज़र आ रहा है, जिसकी मदद से वो भाषण दे रहे हैं।

अपने शुरुआती भाषणों में आकाश युवा होने की वजह से कुछ गलतियां भी करते थे। जैसे उन्होंने एक भाषण में मायावती को बसपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बता दिया। अपने भाषणों में वो बसपा की समितियों में नौजवानों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक करने की बात करते हैं।

वे मायावती की तरह साम दाम दंड भेद जैसे राजनीतिक जुमलों का इस्तेमाल करते हैं। अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के नज़रिए से वो कोई ऐसी बात नहीं कहते हैं, जिसमे उनके उभरते हुए राजनीतिक चरित्र और महत्वकांक्षाओं की झलक दिख सके।

सोशल मीडिया पर छाए आकाश

आकाश ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल जुलाई 2021 में बनाया। तकरीबन 2 साल में उनके 1.63 लाख से अधिक फॉलोअर्स हो गए। उनकी वैरिफाइड प्रोफाइल में वो अपने आप को बसपा का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बताते हैं। उन्हें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र भी फॉलो करते हैं। मायावती खुद भी ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय हैं। उन्हें ट्विटर पर फालो नहीं करती हैं। आकाश अपने पिता और बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार को भी ट्विटर पर फालो करते हैं।

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