उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में तमाम गुंडों , माफियाओं को नेस्तनाबूद करने के लिए आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों पर पुलिस की बुलडोजर कार्रवाई की खबरें पूरे यूपी में सुर्खियां बनी रही है लेकिन इस बार खुद यूपी में हरदोई जिले की पुलिस सुर्खियों में है क्योकि इस बार बुलडोजर तो खुद पुलिस थाने पर चला है दरअसल हरदोई में एक थाने ने मुंसिफ कोर्ट की जमीन के कुछ हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा करके भवन का निर्माण तक करा डाला था। कोतवाली भवन का आधा हिस्सा जिला जज और उच्च न्यायालय के आदेश पर बुलडोजर से गिरा दिया गया।
इन तस्वीरों को गौर से देखिये इसमें पुलिस थाने की बिल्डिंग पर बुलडोजर चलता नजर आ रहा है। दरअसल बुलडोजर के जरिये पुलिस थाने के भवन के कुछ हिस्से को गिराने की कार्रवाई शाहाबाद कोतवाली की है। यहाँ पर एसडीएम, तहसीलदार ,अधिशासी अधिकारी एवं प्रभारी निरीक्षक की मौजूदगी में पुलिस थाने की बिल्डिंग पर बुलडोजर चला दिया गया । दरअसल शाहाबाद तहसील में पुलिस थाने से लगे हुए मुंसिफ न्यायालय बना हुआ है उसी की कुछ जमीन खाली पड़ी हुई थी। मुंसिफ कोर्ट की बिल्डिंग तो पिछले दो दशक से बनी हुई है लेकिन इसमें कोई कामकाज नहीं होता है। जिसके बाद कुछ स्टाम्प वेण्डर और अधिवक्ताओ ने इसकी भूमि पर कब्जा कर रखा था तो पुलिस थाने ने इस भूमि पर महिला हेल्प डेस्क और पुलिस थानेदार का आफिस तक बना रखा था।
बीते कुछ समय से यहाँ के अधिवक्ता मुंसिफ कोर्ट के संचालन की मांग कर रहे थे। उनकी मांगो को लेकर बीते महीने जिला जज राजकुमार सिंह ने मुंसिफ न्यायालय के भवन का निरीक्षण किया था और राजस्व विभाग की टीम के द्वारा मुंसिफ कोर्ट की जमीन की पैमाइश कराई थी और अतिक्रमण की गयी जमीन को खाली कराने के निर्देश दिए थे। इधर इस बीच मुंसिफ कोर्ट की बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए पैसा भी स्वीकृत हुआ है। जिसके बाद जिला जज और उच्च न्यायालय ने मुंसिफ कोर्ट की जमीन खाली कराने का आदेश दिया था। जब मुंसिफ कोर्ट की जमीन की पैमाइश कराई गयी तो पता चला पुलिस थाने का अधिकांश मुंसिफ कोर्ट की जमीन पर बनाया गया था।जिसमें प्रभारी निरीक्षक का आवास, प्रभारी निरीक्षक का आधा कार्यालय एवं हेल्प डेस्क तथा मुख्य द्वार मुंसिफ कोर्ट की जमीन में बना पाया गया।
पैमाइश के बाद जिला जज के अतिक्रमण हटाने के निर्देश के बाद एसडीएम पूनम भास्कर, तहसीलदार नरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी आर आर अंबेश बुलडोजर लेकर कोतवाली पहुंचे। यहां पर उन्होंने न्यायिक अनुपालन में सबसे पहले शाहाबाद कोतवाली का मुख्य द्वार बुलडोजर से गिराया। उसके बाद मुख्य द्वार से सटी बनी हेल्प डेस्क का भवन भी गिराया गया। इसके अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक का आधा आवास, हेड मोहर्रिर का आवास तथा प्रभारी निरीक्षक का आधा कार्यालय भी मुंसिफ कोर्ट की जमीन पर बना है जिसे गिराने के लिए फिलहाल कुछ समय पुलिस को दिया गया है। फिलहाल कोतवाली परिसर में बुलडोजर चलता देख मौके पर लोगो की भारी भीड़ एकत्रित हो गई तब लोगो को पता चला की अतिक्रमण हटाने के अभियान में आगे रहने वाली पुलिस खुद भी अतिक्रमण किये है जिसे बुलडोजर से ध्वस्त किया जा रहा है। वही अब अधिवक्ताओं को भी उम्मीद है की मुंसिफ न्यायालय जल्द ही काम करना शुरू कर देगा जिससे स्थानीय लोगों और वकीलों को काफी राहत मिलेगी।