UP: क्या इमरान मसूद से मायावती का हो रहा मोहभंग? बसपा की बैठक में नहीं बुलाया गया

UP: क्या इमरान मसूद से मायावती का हो रहा मोहभंग? बसपा की बैठक में नहीं बुलाया गया

पिछले साल जब इमरान मसूद ने सपा छोड़कर बसपा में एंट्री की थी तो मायावती ने खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी और सोशल मीडिया पर साथ में फोटो जारी करके पश्चिमी यूपी का मुस्लिम चेहरा बताया था. मुस्लिम वोटों को साधने के लिए इमरान को पश्चिमी यूपी के चार मंडलों के साथ ही उत्तराखंड का संयोजक नियुक्त किया था.

उत्तर प्रदेश में चुनाव दर चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती दोबारा से अपने खोए हुए जनाधार को पाने और पार्टी को मजबूती के साथ खड़ी करने में जुटी हुई हैं. इसी के मद्देनजर मायावती ने आज बुधवार को लखनऊ में पार्टी नेताओं के साथ लंबी बैठक की. मायावती ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा की और 2019 से बेहतर नतीजे दोहराने पर मंथन किया.

इस अहम बैठक में पश्चिमी यूपी के दिग्गज नेता इमरान मसूद को नहीं बुलाया गया है. इतना ही नहीं इमरान मसूद की पैरवी पर बसपा में एंट्री करने वाली सोनिया शर्मा को भी मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मायावती ने इमरान मसूद से दूरी बना रही हैं?

सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए था इमरान

बसपा की लखनऊ में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए राजस्थान की यात्रा छोड़कर पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद भी यहां आए. इसके अलावा सतीश चंद्र मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, विधायक उमाशंकर सिंह, एमएलसी भीमराव अंबेडकर सहित बसपा के कोऑर्डिनेटर, बामसेफ के वरिष्ठ पदाधिकारी और पार्टी के दिग्गज नेताओं बैठक में शामिल हुए. जबकि इमरान मसूद को 2024 के चुनाव को लेकर हो रही बसपा की बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं मिला.

पिछले साल जब इमरान मसूद ने सपा छोड़कर बसपा में एंट्री की थी तो मायावती ने खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी और सोशल मीडिया पर साथ में फोटो जारी करके पश्चिमी यूपी का मुस्लिम चेहरा बताया था. मुस्लिम वोटों को साधने के लिए इमरान को पश्चिमी यूपी के चार मंडलों के साथ ही उत्तराखंड का संयोजक नियुक्त किया था. इसके बाद इमरान मसूद पूरे जोशो-खरोश के साथ मुस्लिम नेताओं के साथ मेल-मिलाप शुरू कर दिया था. साथ ही सहारनपुर लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव लड़ने और बसपा के दलित-मुस्लिम कॉम्बिनेशन पर काम शुरू कर दिया था.

सोनिया की बर्खास्तगी, इमरान के लिए झटका

उत्तराखंड के खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा की पत्नी सोनिया शर्मा को इमरान मसूद और नरेश गौतम बसपा में लेकर आए थे. हरिद्वार लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर सोनिया शर्मा के चुनाव लड़ने की संभावना मानी जा रही थी, इसी बीच बसपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इतना ही नहीं सोनिया शर्मा को बसपा के सारे पदों से भी हटा दिया गया है. सोनिया शर्मा का बसपा से बर्खास्तगी इमरान मसूद के लिए सियासी तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है.

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर लखनऊ में हो रही बैठक में इमरान मसूद को नहीं बुलाया गया है. 15 अगस्त को सहारनपुर बसपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भी इमरान मसूद शामिल नहीं हुए थे जब हाजी फजलुर्रहमान ने शिरकत किया था. सहारनपुर लोकसभा सीट से इमरान मसूद और मौजूदा सांसद हाजी फजलुर्रहमान दोनों बसपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. बसपा सूत्रों की मानें तो बसपा ने दोनों ही नेताओं को चुनाव लड़ाने का भरोसा दे रखा है. बसपा का एक धड़ा हाजी फजलुर्रहमान के पक्ष में और दूसरा इमरान मसूद के पक्ष में है, लेकिन अभी तक किसी का टिकट फाइनल नहीं किया है.

निकाय चुनाव में इमरान मसूद अपनी भाभी खतीजा मसूद के लिए मेयर का चुनाव बसपा से लड़वा चुके हैं, लेकिन वो जीत दर्ज नहीं करा सकी थीं. सहारनपुर जिले की दूसरी नगर निकाय में भी बसपा का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा. इतना ही नहीं मुसलमानों का झुकाव भी बसपा की तरफ होता नहीं दिख रहा. ऐसे में इमरान मसूद के लिए बसपा के टिकट पर संशय के बादल छाए हुए हैं, जिसके चलते चर्चा है कि वो फिर से कांग्रेस के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं, लेकिन रास्ता नहीं बन पा रहा है. मायावती की नजर में इमरान मसूद का सियासी रंग फीका पड़ने लगा है. यही वजह है कि बसपा ने अब उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है?

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