टीम इंडिया से खेले 100 मैच, 60 शतक ठोक चुका, बाहर होने पर निकाला गुस्सा

टीम इंडिया से खेले 100 मैच, 60 शतक ठोक चुका, बाहर होने पर निकाला गुस्सा

नई दिल्ली: टीम इंडिया के लिए अगले 3 महीने बेहद अहम हैं. एशिया कप के अलावा रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम वनडे वर्ल्ड कप में भी उतरेगी. इस बीच एशिया कप के लिए 17 सदस्यीय टीम घोषित कर दी गई है. वहीं दिग्गज क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट टीम से बाहर हो चुके हैं. हालांकि उन्हें उम्मीद है कि वे अभी भी टीम के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं. 35 साल के पुजारा ने टीम इंडिया की ओर से अब तक 103 टेस्ट और 5 वनडे खेले हैं. यानी उनके पास बड़ा अनुभव है. उन्होंने अंतिम मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला था. वे मैच में बड़ी पारी नहीं खेल सके थे. पुजारा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 60 शतक ठोक चुके हैं.

टेस्ट स्पेशलिस्ट चेतेश्वर पुजारा ने The Final Word podcast में कहा कि पिछले कुछ सालों में मेरे करियर में काफी उतार-चढ़ाव आए. यह एक खिलाड़ी के रूप में आपकी परीक्षा लेता है, क्योंकि 90 से अधिक टेस्ट मैच खेलने के बाद, जब मुझे बाहर कर दिया गया, तब भी मुझे खुद को साबित करना था. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक खेलने के बाद खुद को साबित करना अपने आप में अलग चुनौती है. पुजारा अभी काउंटी टीम ससेक्स की ओर से खेल रहे हैं और वनडे टूर्नामेंट में शतक भी ठोका है.

ईगो होता है हर्ट

टेस्ट क्रिकेट में 19 शतक और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 60 शतक ठोक चुके चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि कभी-कभी टीम से बाहर होने के बाद आपका ईगो हर्ट होता है, क्योंकि इतने सालों तक इंटरनेशनल लेवल पर सफल होने के बाद भी आप पर संदेह किया जा रहा है. आपको खुद को बार-बार साबित करना पड़ता है. यह काफी पीड़ा पहुंचाने वाला रहता है. मालूम हो कि टीम इंडिया उन 34 में से 23 टेस्ट जीतने में सफल रही है, जिसमें पुजारा ने एक पारी में 70 से अधिक का स्कोर बनाया है. इस दौरान टीम को सिर्फ 6 टेस्ट में हार मिली है.

मुझे अभी देना है और योगदान

चेजेश्वर पुजारा ने कहा कि मैं अपने आप से कहता रहता हूं कि मैं जानता हूं कि मैं क्या हूं. मुझे पता है कि मैंने भारतीय क्रिकेट में किस तरह का योगदान दिया है और मुझे अभी भी बहुत योगदान देना है. मुझे कुछ समय पहले एक दिलचस्प आंकड़ा दिया गया. मुझे बताया गया कि जब भी मैंने भारतीय टीम की ओर से 70 या 80 से अधिक रन बनाए, तो टीम को लगभग 80 फीसदी मैचों में जीत मिली. इसलिए मुझे पता है कि अगर मैं भारतीय टीम के लिए रन बनाता हूं, तो अधिकतर मौकों पर हम जीत दर्ज करने में सफल होंगे.

चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि करियर में कई बार मुझ पर दबाव आया. जब मैंने टीम से अपनी जगह खो दी, लेकिन आप सिर्फ टीम के लिए खेलने की कोशिश करते हैं. आप अपने स्थान के लिए खेलने की कोशिश नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि इससे आसानी से ऐसे समझा जा सकता है. यदि आप अपने स्थान के लिए खेलते हैं, तो आप स्वार्थी क्रिकेटर हैं, जो सिर्फ प्लेइंग-11 में रहता है, लेकिन टीम में योगदान नहीं देता. पुजारा ने बताया कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जो सोचता है कि मुझे भारतीय टीम के लिए मैच जीतने के लिए अच्छा करना चाहिए. सिर्फ प्लेइंग-11 का हिस्सा बनने की कोशिश नहीं करना चाहिए. यदि आप टीम में रहना चाहते हैं, तो आपको अच्छा प्रदर्शन करना पड़ता है.

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