भाजपा का फोकस हमेशा से यूथ पर रहा है। खासतौर से जब चुनाव आते हैं, तो युवाओं को लेकर फोकस और बढ़ जाता है। क्योंकि, 2014 से लेकर 2019 तक जीत में युवाओं की बड़ी भूमिका रही है। इन दोनों आम चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटरों ने बीजेपी का साथ दिया, तो वह सत्ता पर काबिज हुई।
अब इसीलिए एक बार फिर इन पर निगाहें हैं। इसे लेकर भाजपा यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर वोटर चेतना महा अभियान शुरू करने जा रही है। मंगलवार को लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर प्रदेश स्तर की वर्कशॉप आयोजित हो रही है। इसमें 350 लोग शामिल होंगे। फोकस 20 लाख से ज्यादा उस युवा वोटर्स पर है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट देंगे।
आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है बीजेपी की रणनीति...
फर्स्ट टाइम वोटर हमेशा से बीजेपी के लिए रहे हैं फायदेमंद
अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो 18-19 साल के युवा मतदाताओं ने दो लोकसभा चुनाव में कहीं न कहीं भाजपा के पक्ष में ज्यादा मतदान किया। इसका फायदा पार्टी को मिला है। इस बात को पार्टी बखूबी समझती है। इसीलिए यह खास अभियान शुरू किया है।
अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें। तब देश में कुल 2 करोड़ 31 लाख फर्स्ट टाइम वोटर शामिल हुए थे। उसका लगभग 40% वोट बीजेपी के पक्ष में गया था। तब बीजेपी ने यूपी में 73 सीटें जीती थीं। उस समय यूपी में 38 लाख मतदाता 18-19 साल के थे। पहली बार वोट डाल रहे थे।
अनूप गुप्ता बोले-फॉर्म भराकर वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाएगी
इस अभियान के प्रभारी प्रदेश महामंत्री और बीजेपी MLC अनूप गुप्ता ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि इसके पीछे मकसद यही है कि जो युवा जनवरी 2024 तक 18 साल का हो जाएगा। वोटर बनने का क्राइटेरिया पूरा करेगा तो पार्टी उसका फॉर्म भराकर वोटर लिस्ट में उसका नाम शामिल करवाएगी।
इसके अलावा अगर किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची से छूट गया है, तो मतदाता पुनरीक्षण के समय उसका नाम भी जुड़वाया जाएगा। इतना ही नहीं, बीजेपी के कार्यकर्ता मतदाता के घर-घर जाकर उसे वोट डालने के लिए जागरूक करने का भी काम करेंगे।
27 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन की बात का कार्यक्रम होगा, उसी दिन बीजेपी सभी बूथों पर वोटर लिस्ट के अवलोकन और उसके सत्यापन का भी काम शुरू करेगी।
क्या है वोटर चेतना महा अभियान
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बीजेपी को ये बात अच्छी तरह पता है कि अगर उसने यूपी में अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया, तो 2024 में तीसरी बार केंद्र की कुर्सी मिलने से कोई नहीं रोक सकता। इसीलिए 80 सीटों पर वोटर चेतना महा अभियान शुरू करने जा रही है।
सबसे पहले मंगलवार को लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर एक वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। जिसमें यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, सभी पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, 98 संगठनात्मक जिलों के जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और जिला मतदाता सूची प्रभारी इस बैठक में शामिल होंगे।
वोटर चेतना महा अभियान के लिए पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जिसमें प्रदेश महामंत्री और एमएलसी अनूप गुप्ता को इसका प्रभारी बनाया है। उनके साथ बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक बीजेपी एमएलसी और प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और अरुणकांत त्रिपाठी को इस कमेटी में शामिल किया गया है। जिले के बाद इसे सभी 403 विधानसभा में ये वर्कशॉप की जाएगी।
हर जिले में बीजेपी लगाएगी कैंप
फर्स्ट टाइम वोटर के लिए बीजेपी हर जिले में कैंप लगाएगी। इस शिविर में 18 से 19 साल के जो युवा होंगे, उनका फॉर्म भरा जाएगा। बीजेपी के कार्यकर्ता डोर टू डोर जाएंगे। वोट देने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ इन युवा वोटरों का वोट बनवाने का भी काम करेंगे। सभी 80 लोकसभा सीटों पर कोई भी युवा वोटर बनने से ना चूक जाए।
साथ ही हर वोटर को वोट डालने के लिए जागरूक भी करेगी। कार्यकर्ता उनसे यह पूछेंगे कि वोटर लिस्ट में उनका नाम है या नहीं है। जिन परिवारों का नाम वोटर लिस्ट में नहीं होगा तो जब निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का काम शुरू करेगा।
हालांकि इसी साल जब बीजेपी का महासंपर्क अभियान जून महीने में चल रहा था। तब भारतीय जनता युवा मोर्चा को यह जिम्मेदारी सौंप गई थी कि वह 18 साल पूरा कर चुके युवाओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवाने के लिए फॉर्म भरवाएं। पूरे प्रदेश में तब भारतीय जनता युवा मोर्चा ने 7, 8, 9 और 10 जून को युवाओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवाने के लिए उनके फॉर्म भी भरवाए थे।
2019 में पहला वोट मोदी के नाम अभियान किया था शुरू
2019 के आंकड़ों को देखा जाए, तब पूरे देश में तकरीबन 6.50 करोड़ युवा मतदाता थे। इसमें 1 करोड़ 60 लाख वोटर तो नए जुड़े थे। अगर यूपी की बात करें, तो 16 लाख 76 हजार फर्स्ट टाइम वोटर्स जुड़े थे।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पूरे देश में पहला वोट मोदी के नाम अभियान भी शुरू किया था। इसका फायदा भी मिला था। दूसरी बार बीजेपी केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी।
जब 2022 के विधानसभा चुनाव हुए तब राज्य निर्वाचन आयोग ने जो आंकड़े जारी किए थे। उसके मुताबिक, यूपी में कुल मतदाताओं की संख्या बढ़कर 15 करोड़ से ज्यादा हो गई थी। इसमें भी 27.76 फीसदी युवा वोटर शामिल थे।
14 लाख 66 हजार 470 फर्स्ट टाइम वोटर्स तब थे। इसके अलावा 2022 में फर्स्ट टाइम वोटर को जोड़कर 19 लाख 89 हजार से ज्यादा वोटर ऐसे थे, जिन्होंने किसी भी लोकसभा चुनाव में अपना वोट नहीं डाला था।