भारत का चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6:04 बजे के करीब चंद्रमा पर उतरेगा। भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक लैंड होता है तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। इसको लेकर देशभर में पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया है। वाराणसी और प्रयागराज समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चंद्रयान के सफल लैंडिंग के लिए पूजा-पाठ हो रहा है। इसके अलावा विभिन्न दलों के कई नेताओं की प्रतिक्रिया भी आ रही है।
वाराणसी के कामाख्या मंदिर में मंगलवार की सुबह हवन किया गया। मंदिर में भक्तों ने हवन कर चंद्रयान के सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना की। वहीं प्रयागराज के श्री मठ बाघंबरी गद्दी में हवन किया गया है। यहां भी चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना की गई। हवन के बाद भक्तों ने बताया,चंद्रयान चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंड हो इसके लिए हम हवन और पूजन कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने दी बधाई
जबकि यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा,मैं भारतवर्ष के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाईयां देता हूं। वैज्ञानिकों की पूरी टीम और चंद्रयान से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाईयां देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश तेजी के साथ हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।
वहीं समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, देश को ऊंचाई पर ले जाने के लिए सारे लोगों का हाथ है। हिंदुस्तान के जो भी रहने वाले हैं वो सब चाहते हैं कि हमारा देश आगे बढ़े। इस देश में अब्दुल कलाम आजाद राष्ट्रपति रहे वो भी विश्व के बहुत बड़े वैज्ञानिक थे। जिनके नेतृत्व में भारत की विज्ञान में काफी आगे बढ़ा है। ये सारा तुफैल अब्दुल कलाम आजाद का है तो इन चीजों में चाहे वो विज्ञान हो या अर्थव्यवस्था हो अगर तर्की होती है तो पूरे देश का इससे भला होगा।
सपा सांसद एस टी हसन ने कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे चंद्रयान का मिशन सफल होगा। मैं अपने तमाम वैज्ञानिकों को अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। वो एक बहुत बड़ा काम करने जा रहे हैं। आपने देखा कि विकसित देश, रूस का मिशन परसो फेल हो गया। हमें अल्लाह से उम्मीद है कि पूरी कामयाबी मिलेगी और हमारे वैज्ञानिक भारत का नाम रोशन करेंगे।
चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच संपर्क
गौरतलब है कि चंद्रमा पर चंद्रयान उतरने से दो घंटे पहले लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी। चंद्रयान का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किमी और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच संपर्क स्थापित कर दिया है। टू-वे कम्युनिकेशन के स्थापित होने के बाद ऑर्बिटर ने लैंडर से कहा- स्वागत है दोस्त! इसरो ने चंद्रमा की फार साइड यानी ऐसा इलाका जो पृथ्वी से कभी नहीं दिखता, की तस्वीरें शेयर की हैं।