डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने सोमवार रात एक अस्पताल में रात भर विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि उन्हें दिल्ली सरकार के एक अधिकारी द्वारा कथित रूप से बलात्कार की गई नाबालिग लड़की से मिलने से रोका गया। अपने बयान में मालीवाल ने कहा कि 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं और मुझे पीड़िता या उसकी मां से मिलने नहीं दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस गुंडों की पुलिस है। वे बलात्कारियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रहे हैं। मैं उस लड़की से मिलकर यह समझना चाहती थी कि क्या वह किसी दबाव से तो नहीं गुजर रही है। लेकिन दिल्ली पुलिस इसकी इजाजत नहीं दे रही है।
यह शर्मनाक है
अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि दिल्ली पुलिस जिसका काम महिलाओं को सुरक्षा देना है, वो खुद गुंडागर्दी करती है। लेकिन हमने दिल्ली पुलिस के लिए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे अभी दो महत्वपूर्ण फोन कॉल आए हैं। दिल्ली के दो अलग-अलग इलाकों में दो बड़े अपराध हुए हैं और पीड़ित मेरा इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मैं वापस आऊंगी और पीड़िता और उसकी मां से मिलूंगी। फिलहाल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल दिल्ली के उस अस्पताल से रवाना हुईं जहां नाबालिग लड़की को भर्ती कराया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि शहर सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर लड़की से कई बार बलात्कार किया। उसकी पत्नी ने कथित तौर पर लड़की को गर्भावस्था समाप्त करने के लिए दवा दी थी।
आरोपी और उसकी पत्नी गिरफ्तार
पीड़िता, 12वीं कक्षा की छात्रा, 2020 में अपने पिता की मृत्यु के बाद खाखा परिवार के साथ रह रही थी। आरोपी उसका स्थानीय अभिभावक था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़की उसे मामा कहकर बुलाती थी। इस बीच, पुलिस ने कहा कि आरोपी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की पूछताछ जारी है। डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस से गिरफ्तारी के विवरण के साथ एफआईआर की एक प्रति भी उपलब्ध कराने को कहा है। इसने अधिकारी के खिलाफ शहर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण भी मांगा है। आयोग ने पूर्व में अधिकारी के खिलाफ की गई शिकायतों और उस संबंध में की गई कार्रवाई का विवरण मांगा।