छात्रसंघ चुनाव पर बैन हटाने की याचिका वापस ली, कोर्ट ने कहा- आप न छात्र, न ही चुनाव लड़ रहे, समय बर्बाद करने के लिए हम आप पर केस लगाएंगे

छात्रसंघ चुनाव पर बैन हटाने की याचिका वापस ली, कोर्ट ने कहा- आप न छात्र, न ही चुनाव लड़ रहे, समय बर्बाद करने के लिए हम आप पर केस लगाएंगे

छात्रसंघ चुनावों पर लगा बैन हटाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर मौखिक टिप्पणी की।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील शांतनु पारीक से कहा- हमें यह पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन से ज्यादा पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन लग रही है। आप न तो छात्र हैं, न ही छात्र संघ चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में आपने किस आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने कहा- कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए हम आप पर केस लगाएंगे। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।

मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की। दरअसल, याचिका में छात्र संघ चुनावों को छात्रों का अधिकार बताते हुए उस पर लगा बैन हटाने की मांग की गई थी।

कुलपतियों की सिफारिश पर रोके गए थे चुनाव

छात्रसंघ चुनाव को लेकर पिछले शनिवार को उच्च शिक्षा विभाग की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने के साथ ही यूनिवर्सिटी में चल रही एडमिशन और रिजल्ट प्रक्रिया का हवाला देकर छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने की बात कही थी, जिस पर सर्व सम्मति से इस साल चुनाव नहीं कराने का फैसला किया गया।

प्रदेशभर में हो रहा फैसले का विरोध

छात्रसंघ चुनावों पर बैन लगाने के फैसले का विरोध प्रदेशभर में हो रहा है। छात्र संगठन व छात्र नेता अलग-अलग तरीके से इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। फैसले का सबसे ज्यादा विरोध जयपुर में देखने को मिल रहा है। यहां पिछले 8 दिन से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं कई बार प्रदर्शनकारी छात्रों व पुलिस के बीच झड़प भी हो चुकी हैं। छात्र बैन हटाने की मांग को लेकर अर्द्ध नग्न प्रदर्शन से लेकर खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह करने की चेतावनी भी दे चुके हैं। इस मुद्दे पर एबीवीपी व एनएसयूआई भी एक हैं।

बीजेपी ने कहा- सरकार डरी हुई, इसलिए लगाया बैन

इस पूरे मामले में अब जमकर राजनीति भी हो रही हैं। बीजेपी ने छात्रसंघ चुनावों पर बैन लगाने के पीछे का कारण सरकार का डर बताया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार जानती है कि इन चुनावों में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की जबरदस्त हार होने वाली है। ऐसे में विधानसभा चुनावों से पहले सरकार यह नहीं चाहती है कि उसकी इमेज खराब हो। वहीं जनता में यह संदेश जाए कि प्रदेश का युवा इस सरकार के खिलाफ है। इसी डर के कारण छात्र संघ चुनावों पर बैन लगाया है। बीजेपी ने छात्रसंघ चुनाव पर लगा बैन हटाने की मांग की है।

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