एक बार फिर अमेठी उत्तर प्रदेश का पॉलिटिकल हॉटस्पॉट बनने जा रहा है। कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। वायनाड सीट से सांसद राहुल गांधी अगर अमेठी से चुनाव लड़ते हैं, तो क्या कांग्रेस 2009 जैसा चुनाव रिजल्ट दे पाएगी। अब एक नई सियासी हलचल शुरू हो चुकी है।
क्योंकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीट जीतकर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था। इसी के आधार पर लोकसभा 2024 चुनाव में सीटों कांग्रेस का दावा होगा।
अब राहुल अमेठी से लड़ते हैं, तो पहला फायदा ये होगा कि उनकी पारिवारिक सीट सुरक्षित हो सकती है। वहीं, यूपी की 41 सीटों पर भी इसका असर पड़ेगा। इनमें पूर्वांचल में 26 और वेस्ट यूपी में 15 सीट आती हैं।
देखा जाए तो ये वोट बैंक बढ़ाने की रणनीति भी हो सकती है। वहीं पॉलिटिकल जानकार इसको NDA के खिलाफ INDIA गठबंधन से छोड़ा गया सियासी तीर मान रहे हैं।
प्रियंका रायबरेली से उतर सकती हैं चुनावी मैदान में
यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस परिवार की मानी जाती रहीं। मगर 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लगा। जब रायबरेली सीट को सोनिया गांधी बचाने में कामयाब रहीं, लेकिन राहुल गांधी अमेठी लोकसभा सीट को बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए।
अब चर्चा है कि राहुल अमेठी से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो यूपी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नया जोश देने वाला ऐलान होगा। कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी 2024 लोकसभा लड़ेंगी या नहीं। इस पर संशय है, इसलिए प्रियंका गांधी रायबरेली सीट से पॉलिटिकल करियर शुरू कर सकती हैं।
राहुल के ऐलान से कांग्रेसियों में नई जान फूंकी
भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह भर चुके हैं। नतीजा कर्नाटक चुनाव में रिकॉर्ड जीत थी। अब अचानक राहुल के अमेठी सीट पर लड़ने के ऐलान से वैसा ही उत्साह फिर देखा जा रहा है। पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कहा अमेठी के लोग पहले से ज्यादा उत्साहित हैं।
पूर्व अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि बहुत जल्द भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 शुरू होने वाली है। राहुल गांधी मिशन 2024 के चलते नई जान फूंकेंगे। समय से पहले चुनाव लड़ने के ऐलान को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की उत्तर प्रदेश से कभी दूरी नहीं रही, न आने वाले समय में रहेगी। बीजेपी सरकार की जन विरोधी नीतियों को राहुल गांधी सड़क से लेकर संसद तक उठाते रहे हैं। अमेठी और रायबरेली के साथ कांग्रेस अन्य सीटों पर भी मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
2009 में जीती सीटों पर कांग्रेस का होमवर्क शुरू
बीते दो दशक की बात करें तो कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। जिसमें कांग्रेस ने 18.25% वोट शेयर के साथ 80 में से 21 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने 17.5% वोटों के साथ 10 सीटें जीती थीं, वहीं बीएसपी ने लगभग 27% वोटों के साथ 20 सीटें जीती थीं। सपा ने लगभग 23% वोट शेयर के साथ 23 सीटें जीती थीं।
सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कुशीनगर, चंदौली सीट कांग्रेस के पाले में थीं। अब कांग्रेस की तरफ इन सीटों को दोबारा जीतने का दावा करने वालों की कमी नहीं है। वह सपा के साथ समझौते में साल 2009 में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर सीटें मांगेंगे। किसान आंदोलन और आरएलडी के साथ चुनाव लड़ने के प्रयास में जुटी कांग्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद, शामली, सहारनपुर, बागपत और फर्रुखाबाद जैसे लोकसभा सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूत कर रही हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 15 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस होमवर्क शुरू कर चुकी है। ये वही सीटें है, जहां कांग्रेस 2009 में जीती थी।
पूर्वांचल की वो सीट, जहां कभी कांग्रेस मजबूत थी
अमेठी, रायबरेली, फूलपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ, बाराबंकी, इलाहाबाद, डुमरियागंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, फैजाबाद, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, महाराजगंज, अंबेडकरनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आजमगढ़, घोषी, सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वारणसी, भदोही सीटें शामिल हैं।
80 लोकसभा सीटों पर चल रहा सर्वे
2024 के मिशन में जुटी कांग्रेस खासकर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में से उन सीटों का एक सर्वे करवा रही है। जिन सीटों को वह 2024 के चुनावों में जीत सकती है। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की पांच सदस्य टीम बनाई गई है। प्रियंका गांधी इस पूरी टीम की रिपोर्ट पर आने वाले 2024 के चुनाव की तैयारियों समीक्षा करेंगी।
कांग्रेस के सूत्रों की माने तो 2024 को लेकर कौन सी ऐसी 20 से 30 सीटें हैं। जहां पर कांग्रेस चुनाव जीत सकती है। कांग्रेस इंडिया के गठबंधन को बचाते हुए उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से खुद को मजबूत करने के लिए या सर्वे भी करवा रही है। सपा और आरएलडी के अलावा कांग्रेस कौन सी सीटों पर चुनाव लड़े जिससे गठबंधन पर कोई प्रभाव बिना पड़े और वह अपने उम्मीदवार को जीता सके।
अब कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को भी समझिए...
2012 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस 28 सीटों के साथ 11.65% वोट शेयर हासिल हुआ था, जबकि उसके गठबंधन सहयोगी आरएलडी ने 9 सीटें जीतीं। एसपी ने 224 सीटों और 29% वोटों के साथ सरकार बनाई, वहीं बीएसपी को 80 सीटें और लगभग 26% वोट शेयर हासिल हुआ था, जबकि बीजेपी को 47 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।