UP: सदन में मंत्री बोले- एक भी डग्गामार वाहन नहीं, दिखा दो, उन्हीं के विभाग ने दिखा दी पूरी रिपोर्ट, सिर्फ लखनऊ जोन में ही 3397 गाड़ियां

UP: सदन में मंत्री बोले- एक भी डग्गामार वाहन नहीं, दिखा दो, उन्हीं के विभाग ने दिखा दी पूरी रिपोर्ट, सिर्फ लखनऊ जोन में ही 3397 गाड़ियां

विधानसभा सत्र के दौरान सपा विधायक मोहम्मद फहीम ने डग्गामार वाहनों पर सवाल किया। जवाब में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, प्रदेश में एक भी डग्गामार बस नहीं चल रही हैं। एक भी बस दिखा दें। एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी, जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। अगर, कोई ऐसी गाड़ियां हैं, तो बताएं। जवाब में सपा विधायक ने कहा- यदि ऐसा है, तो कमेटी गठित कर जांच करवा ली जाए।

फिर क्या...मंत्री के विभाग ने ही उनकी पोल खोल दी। 11 अगस्त को विधानसभा में मंत्री ने दावा किया और 3 दिन बाद 14 अगस्त को परिवहन विभाग की तरफ से जारी लिस्ट में बताया गया कि अकेले लखनऊ जोन में 3397 गाड़ियां ऐसी हैं, जो डग्गामार की सूची में आती हैं। उनके खिलाफ अभी तक विभाग कार्रवाई नहीं कर पाया है। पूरे प्रदेश में अगर इसकी सूची निकाल दी जाए, तो संख्या बढ़ जाएगी।

विभाग ने 30 पन्ने की रिपोर्ट पेश की

परिवहन विभाग 30 पन्ने की सर्वे रिपोर्ट में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भी 579 गाड़ियां ऐसी हैं, जिनका परमिट नहीं है। लखनऊ में 9 चौराहे ऐसे हैं, जहां से अवैध डग्गामार गाड़ियां चलती हैं। इसमें शहीद पथ, चिनहट, कमता, अवध चौराहा, अहिमामऊ, रेजिडेंसी, मड़ियांव, तेलीबाग और पीजीआई से सबसे ज्यादा अवैध गाड़ियां चलती हैं।

इनकी वजह से विभाग को हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान होता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि यह गाड़ियां बिना विभागीय मिलीभगत के नहीं चल सकती हैं।

यूपी में चार दिन में 1149 वाहन सीज

परिवहन विभाग ने 11 से 14 अगस्त यानी चार दिन तक इसको लेकर बड़ा अभियान चलाया। इन चार दिन में प्रदेश में 1149 डग्गामार गाड़ियों को सीज किया गया। औसत करीब 297 गाड़ियां रोज सीज हुई हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 13,110 वाहनों की चेकिंग की गई, इसमें 3,425 का चालान भी किया गया।

हाईवे के रेस्त्रां-ढाबे से होता है प्रचार

डग्गामार वाहन मालिक हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर चल रहे रेस्त्रां और ढाबे से अपना प्रचार करते हैं। इसमें इन जगहों पर पोस्टर लगाया जाता है। इसमें पूरा रूट लिखा होता है। उसके अलावा पोस्टर पर बुकिंग के लिए मोबाइल नंबर दिए रहते हैं। रूट में गाड़ी कब कौन से शहर पहुंचेगी यह पूरी जानकारी तक लिखा जाता है।

बड़ी बात यह है कि इन रेस्त्रां पर सरकारी गाड़ियां भी रुकती हैं। ऐसे में उसके चालक और परिचालक को भी इस बात की जानकारी होती है कि कौन-सी डग्गामार गाड़ी कहां से चलती है।

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