मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के नाचन विधानसभा क्षेत्र में बारिश से प्रभावितों को तिरपाल न मिलने को लेकर विधायक विनोद कुमार पहले तो कानूनगो पर भड़क गए और उसके बाद एसडीएम बल्ह को जाकर जमकर खरी खोटी सुना डाली. एसडीएम में गर्भवती महिला अधिकारी पर भी जमकर रौब झाड़ा और इस पर महिला अफसर रो पड़ी. अब मामले में केस दर्ज हो गया है. हालांकि, पुलिस ने एफआईआर में विधायक का नाम नहीं लिखा है.
दरअसल, नाचन विधानसभा क्षेत्र के बृखमणी, रिफल और शाली के लोगों को तिरपाल देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें तिरपाल देने से मना कर दिया गया. लोगों ने इसकी शिकायत भाजपा विधायक विनोद कुमार से कर दी. विधायक तुरंत कानूनगो कार्यालय पहुंचे और कानूनगो पर आग बबूला हो उठे. इसके बाद वे एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के कार्यालय में पहुंचे और वहां पर भी जमकर भड़के. एसडीएम स्मृतिका नेगी इन दिनों सात माह से गर्भवती हैं और वे बावजूद इसके दिन रात प्रभावितों की मदद के लिए काम कर रही हैं. वो विधायक के रवैये को देखकर रो पड़ी. विधायक विनोद कुमार के पेज पर यह सारा घटनाक्रम लाइव चलता रहा.
मीडिया को दिए अपने बयान में विनोद कुमार ने कहा कि अगर लोगों को दो हजार के तिरपाल के लिए इतनी लड़ाई लड़नी पड़े तो फिर अधिकारी और कर्मचारियों को किस बात के लिए बैठाया गया है.
घटना के दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए, जिस कानूनगो को विधायक साहब ने डांट लगाई, वो मंडी जिला पटवार कानूनगो संघ के अध्यक्ष दीनानाथ शर्मा हैं. इस बात से अब जिला पटवार कानूनगो संघ खफा हो गया है और विधायक को सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहा गया. कहा कि अगर विधायक माफी नहीं मांगते हैं तो फिर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी ने भी विधायक के रवैये पर नाराजगी जताई है और कहा कि प्रशासन इस विपदा की घड़ी में विपरित परिस्थितियों में काम कर रहा है और इस बात को विधायक साहब को समझना चाहिए. उन्हें माफी मांगनी चाहिए. हालांकि, विधायक ने माफी नहीं मांगी और अब केस दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस की एफआईआर में विधायक का नाम नहीं
पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है. एफआईआर की कॉपी में आरोपी के कॉलम में पुलिस ने किसी का नाम नहीं लिखा है, जबकि शिकायतकर्ता ने शिकायत में नाचन विधायक का नाम लिखा है.