हमें चावल नहीं नौकरी चाहिए, हम लेकर रहेंगे आरक्षण, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने रोहतास में भरी हुंकार

हमें चावल नहीं नौकरी चाहिए, हम लेकर रहेंगे आरक्षण, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने रोहतास में भरी हुंकार

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपने निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में रोहतास पहुंचे. यहां एक जनसभा में अपने संबोधन में सहनी लोगों के बेहतर भविष्य के लिए, अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष के लिए लोगों के हाथों में गंगा जल देकर संकल्प करवाया. सहनी ने लोगों को संबोधित करते हुए साफ संदेश दे दिया कि उन्हें निषाद आरक्षण के अलावा कोई शर्त मंजूर नहीं.

शुक्रवार को रोहतास पहुंची उनकी संकल्प यात्रा सबराबाद से शुरू हुई और रायपुर चौर, सरैया, रसूलपुर होते हुए नौहट्टा पहुंची. इस दौरान प्रत्येक पड़ाव पर सहनी का जोरदार स्वागत किया गया और वीआईपी के पक्ष में लोगों ने जमकर नारे लगाए. इस दौरान मुकेश सहनी ने कहा कि उन्हें निषाद आरक्षण से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमें भारत का संविधान ने वोट के रूप में वह अधिकार दिया है, जो मुख्यमंत्री भी बनाते हैं और प्रधानमंत्री भी बनाते हैं. बस, इस अधिकार को और अपनी ताकत को पहचानने और समझने की जरूरत है.

शुक्रवार को रोहतास पहुंची उनकी संकल्प यात्रा सबराबाद से शुरू हुई और रायपुर चौर, सरैया, रसूलपुर होते हुए नौहट्टा पहुंची. इस दौरान प्रत्येक पड़ाव पर सहनी का जोरदार स्वागत किया गया और वीआईपी के पक्ष में लोगों ने जमकर नारे लगाए. इस दौरान मुकेश सहनी ने कहा कि उन्हें निषाद आरक्षण से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमें भारत का संविधान ने वोट के रूप में वह अधिकार दिया है, जो मुख्यमंत्री भी बनाते हैं और प्रधानमंत्री भी बनाते हैं. बस, इस अधिकार को और अपनी ताकत को पहचानने और समझने की जरूरत है.

मुकेश सहनी ने कहा कि जिस समाज ने संघर्ष कर अपना दल बनाया और उसे बल दिया, उसी बल से उस समाज के समस्याओं का हल भी हुआ. आज समाज की अपनी पार्टी है बस इसे अपनी ताकत देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में निषादों को आरक्षण है, लेकिन बिहार, यूपी और झारखंड में निषादों को आरक्षण नहीं है.

मुकेश सहनी ने प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का नाम लेकर सवालिया लहजे में कहा कि क्या हमारी मांग गलत है? उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि हमें चावल नहीं अपने बेटों के लिए नौकरी चाहिए, अपना अधिकार चाहिए. वीआईपी प्रमुख ने लोगों को अपने समाज के लिए संघर्ष करने तथा साथ देने की अपील करते हुए कहा कि आज आजादी की लड़ाई की तरह आरक्षण के लिए भी संघर्ष करने की जरूरत है.

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