स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से ना केवल सरकार की 9 साल की उपलब्धियां गिनाई बल्कि आगे का लक्ष्य भी तय कर दिया।
पीएम मोदी का पूरा भाषण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा मेरे प्यारे 140 करोड़ देशवासियों। भारत का गौरव और सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को आजादी के इस महान पवित्र पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। मेरे प्यारे परिवारजन पूज्य बापू के नेतृत्व में असहयोग का आंदोलन, सत्याग्रह का मूवमेंट और भगत सिंह, राजगुरु जैसे अनगिनत वीरों का बलिदान। उस पीढ़ी में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने देश की आजादी में अपना योगदान ना दिया हो। मैं आज देश की आजादी की जंग में जिन जन ने योगदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है। उन सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं।
आज श्री अरविंदो की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। यह वर्ष स्वामी दयानंद की 150वीं जयंती का वर्ष है। यह वर्ष रानी दुर्गावती के 500वीं जन्मशती का वर्ष है। यह वर्ष मीराबाई के 525 वर्ष का भी पावन पर्व है। इस बार हम जब 26 जनवरी मनाएंगे तो यह हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी।
इस बार प्राकृतिक आपदाओं ने कई जगहो पर संकट पैदा किया। जिन परिवारों ने इस सहा है मैं उनके प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन्हें संकटों से मुक्त करेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं। पिछले सप्ताह नॉर्थ ईस्ट में, विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। पिछले कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ हैं। पिछले कुछ दिनों से जो शांति बना रखी है, वही रास्ता अपनाएं। देश आपके साथ है। राज्य और केंद्र मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हजारों साल पहले जब किसी ने भारत के किसी छोटे राजा पर आक्रमण किया तो पूरे देश का नुकसान हुआ। मैं हजार साल पहले का जिक्र कर रहा हूं क्योंकि फिर से हमारे पास एक ऐसा मौका है। यह अमृतकाल का पहला साल है। यह कालखंड या तो हम जवानी में जी रहे हैं। इस कालखंड में जो हम करेंगे जो कदम उठाएंगे। जितना त्याग तपस्या करेंगे। एक के बाद एक फैसले लेंगे। आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है। इस कालखंड में होने वाली घटनाएं एक हजार साल तक प्रभावी रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत को नई आशा और नई उम्मीद के साथ देख रहा है। भारत में डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डायवर्सिटी का अद्भुत संगम है।
मैं देश के बेटे-बेटियों को कहना चाहूंगा, जो सौभाग्य आज मिला है, शायद ही किसी का नसीब होता है, जिसे ये मिला हो। इसे गंवाना नहीं है। मुझे युवा शक्ति पर भरोसा है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में तीन पहले स्टार्टअप इकोसिस्टम में स्थान दिला दिया है। दुनिया को भारत की इस ताकत को देखते हुए अचंभा हो रहा है। आज लाखों युवा पूरी दुनिया को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्य आमजनों का सरकार पर भरोसा है और पूरी दुनिया का भारत के सामर्थ्य पर विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विश्वास नई बुलंदियों पर जाने वाला है और ये सभी हमारी नीतियों की वजह से संभव हो सका है। भारत की विविधता को दुनिया नए नजरिए से देख रही है। दुनिया के एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अब भारत रुकने वाला नहीं है। दुनिया की सभी रेटिंग एजेंसी भारत का गौरव गान कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद एक नया जियो-पॉलिटिकल इक्वेशन आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सप्लाई चेन बिगड़ गया तो भारत ने नई उपलब्धि हासिल की।
राष्ट्रप्रथम सरकार का ध्येय
मैं देशवासियों का इसलिए भी अभिनंदन करता हूं क्योंकि यहां समस्याओं की जड़ों को समझने का सामर्थ्य है। इसीलिए 2014 में देशवासियों ने तय किया कि देश को आगे ले जाना है तो मजबूत और स्थिर सरकार चाहिए। पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए। तीन दशकों तक जो अस्थिरता का कालखंड रहा है। जो राजनीतिक मजबूरियों से देश जकड़ा था । उसे मुक्ति मिल गई।देश के पास एक ऐसी सरकार है जो सर्वजन हिताय. सर्वजन सुखाय के लिए काम करती है। जनता की पाई पाई जनता की भलाई के लिए लगा रही है। मेरी सरकार मेरे देशवासियों का मान इस बात से जुड़ा है कि हमारे हर निर्णय का एक ही मानदंड है। राष्ट्र प्रथम।
मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे की साक्षी में अपने देशवासियों को दे रहा हूं। आपको भी लगेगा कि इतना बड़ा बदलाव। 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से जाते थे। पिछले 9 साल में यह आंकड़ा 100 लाख करोड़ पहुंचा। घर बनाने के लिए 90 हजार करोड ़खर्च होताथा अब 4 सौ लाख करोड़ खर्च होता है। यूरिया को सस्ता करने के प्रयास हुए। 8 करोड़ लोगों ने अपना कारोबार शुरू किया है। हर ने एक या दो को काम दिया है। एमएसएमई को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की मदद से उन्हें डूबने नहीं दिया। वन रैंक वन पेंशन सेना के लिए सम्मान का विष्य था। 70 हजार करोड़ रुपये पहुंचा है। देश के विकास के लिए. कोने-कोने में रोजगार पैदा करने के लिए हमने काम किया है। मेरे पांच सालों के कार्यकाल में साढ़े 13 करोड़ भाई-बहन गरीबी की जंजीरों को तोड़कर मध्यमवर्ग में आए। जीवन में इससे बड़ा संतोष कुछ नहीं हो सकता।
विश्वकर्मा योजना होगी शुरू
इन सारे प्रयासों का परिणाम है कि पांच साल के कार्यकाल में साढ़े 13 करोड़ मेरे भाई बहन गरीबों की जंजीरों को तोड़कर मिडल क्लास के रूप में आए हैं। जीवन का इससे बड़ा संतोष कोई नहीं होगा। जब साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी की इस मुसीबत से बाहर निकलते हैं तो उन्हें आवास योजना का लाभ मिला है। पीएम स्वनिधि से 50 हजार करोड़ रुपये रेड़ी पटरी वालों को पहुंचाया। विश्वकर्मा जयंती पर परंपरागत कौशल से रहने वाले लोगों को, लोहार, सुनार, राजमिस्त्री, कपड़े धोने वाले, बाल काटने वाले भाइयों को नई ताकत देने के लिए आने वाले महीने में विश्वकर्मा योजान लॉन्च करेंगे। 15 हजार करोड़ से इसकी शुरुआत होगी।
जनजीवन मिशन पर दो लाख करोड़, आयुष्मान योजना पर 70 हजार करोड़ रुपये लगाए। कोरोना वैक्सीन पर 40 हजार करोड़ रुपये लगाए। पशुधन को बचाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाया है। जन औषधि केंद्रों में देश के मध्यम वर्गीय परिवार को एक नहीं ताकत मिली है। अगर संयुक्त परिवार में डायबिटीज भी जाए तो दोतीन हजार का बिल हो जाता था। अबद जन औषधि केंद्रों से लोगों को सस्ती दवाई दिलवाई। ये मध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं। अब देश में 10 हजार से 25 हजार जन औषधि केंद्र का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं।
ड्रोन की उड़ान को हागो आरंभ
भारत लोकतंत्र की जननी है। परिधान, भाषाएं अलग हैं लेकिन सबको लेकर आगे बढ़ना है। जब मैं एकता की बात करता हूं तो घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। हिंदुस्तान के किसी भी भाग में कुछ हो हम सब पीड़ा का अनुभव करते हैं. देश की बेटियों पर जुर्म ना हो यह हम सबका दायित्व है। जब दुनिया के किसी देश में सिख भाई लंगर लगाता है और दुनिया में वाहवाही होती होती है। एक देश के मंत्री ने मुझसे सवाल पूछा कि आपके देश में बेटियां सायंस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करती हैं? हमने जब सच बताया तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ। आज गांव में आपको बैंक वाली दीदी मिलेगी, दवाई वाली दीदी मिलेगी, आंगनवाड़ी वाली दीदी मिलेगी। अब सपना है गांव में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। इसलिए हम नई योजना सोच रहे हैं। एग्रीटेक को बल मिले इसलिए महिलाओं को ड्रोन चलाने और ड्रोन रिपेयरिंग की ट्रेनिंग देंगे। महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन की ट्रेनिंग देगी और इसका उपयोग खेती में किया जाएगा। ड्रोन की उड़ान का आरंभ कर रहे हैं।
2014 में मैंने परिवर्तन का वादा किया और पूरा किया। 2019 में आप फिर से आशीर्वाद लिया। पर्फऑर्मेंस मुझे दोबारा ले आया। आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लालकिले से देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, संकल्प, उसकी सफलता के गौरव गान उससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा। मेरे परिवारजनों. मैं आपके बीच से निकला हूं। मैं आपके लिए जीता हूं। अगर सपना भी आता है तो आपके लिए आता है। मैं पसीना बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। मैं इसलिए कर रहा हूं कि आप मेरे परिवारजन हैं। आपके परिवार के सदस्य के नाते मैं आपके दुख को देख नहीं सकता। मैं आपके संकल्प को सिद्धी तक ले जाने के लिए आपका सेवक बने रहने का संकल्प लेकर चला इंसान हूं। हमारे पूर्वजों के सपने, आशीर्वाद हमारे साथ हैं। देशवासियों के लिए एक ऐसा अवसर आया है जो हमारे लिए संबल है। मेरे प्रिय देशवासियों, यह अमृतकाल का पहला साल है। मैं आपको पूरे विश्वास से कहता हूं। जलता जलाता काल चक्र, अमृतकाल का भाल चक्र।। सबके सपने, अपने सपने। पनपे सपने सारे। धीर चले वीर चले चले युवा हमारे। नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई। चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम। प्यारे परिवारजनों, आप सबको आजादी के पावनपर्व की एक बार फिर शुभकामनाएं। अमृतकाल हम सबके लिए कर्तव्य काल है। हम सबको मां भारती के लिए कुछ करने का काल है। हमें पल पल देश के लिए जीना है। इस अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों के सपने को सिद्धी में परिवर्तित करना है। 2047 का तिरंगा जब फहरेगा तो विश्वविकसित भारत का गुणगान करेगा।