लैपटॉप के स्लो होने की वजह हो सकती है HDD ड्राइव, जानें SSD ड्राइव से कैसे करें इसे फास्ट?

लैपटॉप के स्लो होने की वजह हो सकती है HDD ड्राइव, जानें SSD ड्राइव से कैसे करें इसे फास्ट?

नई दिल्ली: कंप्यूटर और लैपटॉप में स्टोरेज के लिए दो तरह की ड्राइव यूज की जाती हैं. पहली जिसमें ड्राइव HDD यानी हार्ड डिस्क ड्राइव और दूसरी SSD यानी सॉलिड स्टेट ड्राइव ये दोनों अलग किस्म की होती है और दोनों की कीमत और डेटा को स्टोर का तरीका अलग होता है. यहां हम आपको इन दोनों ड्राइव के बीच के अंतर के बारे में बताएंगे, जिससे आप भविष्य में खरीदे जाने वाले लैपटॉप और कंप्यूटर में अपनी जरूरत के मुताबिक HDD और SSD ड्राइव को स्टोरेज के लिए लगवा सकेंगे.

SSD ड्राइव HDD ड्राइव के मुकाबले में काफी फास्ट होती है. उनकी रीडिंग और राइटिंग की स्पीड बहुत तेज़ होती है, यानी कि डेटा दोबारा पाने और ट्रांसफर में बहुत तेज़ है. जबकि एचडीडी में मूविंग पार्ट्स होते हैं, जैसे स्पिनिंग डिस्क और रीड/राइड हेड्स, जो उनकी स्पीड को लिमिटेड करते हैं. दूसरी तरफ, एसएसडी में कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होता है, जो लगभग इंस्टेंट डेटा एक्सेस की परमिशन देता है.

SSD और HDD ड्राइव में कौन ज्यादा टिकाऊ

SSD हार्ड ड्राइव HDD ड्राइव के मुकाबले ज्यादा टिकाऊ होती हैं. SSD ड्राइव कंपन और झटकेदार प्रभावों से खराब नहीं होती. जबकि HDD ड्राइव मैकेनिकल कम्पोनेंट्स के चलते डैमेज हो सकती है. ऐसे में टेक एक्सपर्ट कंप्यूटर और लैपटॉप में HDD ड्राइव लगाने की सलाह देते हैं.

SSD और HDD का साइज

SSD ड्राइव HDD ड्राइव के मुकाबले साइज में बहुत छोटी होती हैं, लेकिन SSD ड्राइव में HDD ड्राइव के मुकाबले ज्यादा डेटा स्टोर किया जा सकता है. वहीं SSD ड्राइव पोर्टेबल डिवाइस की तरह होती हैं, जिसे आप कहीं भी लेकर मूव कर सकते हैं.

SSD और HDD की कीमत

प्रति गीगाबाइट स्टोरेज की कीमत के मामले में HDD अधिक कॉस्ट इफेक्टिव होती हैं. वे कम लागत पर बड़ी स्टोरेज क्षमता प्रदान करती हैं. समय के साथ SSD अधिक किफायती हो गए हैं, लेकिन उतनी ही क्वांटिटी की स्टोरेज क्षमता के लिए वे अभी भी HDD की तुलना में अधिक महंगी हैं.

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