लोकसभा चुनाव 2024 से पहले BJP पीएम नरेंद्र मोदी को पिछड़ा वर्ग के चेहरे के तौर पर पेश कर रही है। यूपी में इसकी तोड़ के लिए सपा ने नई टीम में पिछड़ा वर्ग और एससी चेहरों पर खास ध्यान दिया है। करीब 30 गैर यादव ओबीसी और 10 एससी चेहरों को शामिल किया गया है।
नई टीम में 12 मुस्लिम, 5 ठाकुर और 2 ब्राह्मण चेहरों को शामिल करके बैलेंस करने की कोशिश हुई है। देखा जाए तो यादवों की पार्टी वाली छवि से सपा बाहर निकलने की कोशिश कर रही है। PDA की झलक भी इस नई टीम में दिख रही है।
182 सदस्य राज्य कार्यकारिणी से सध रहे समीकरणों के बारे में विस्तार से पढ़िए...
प्रदेश कार्यकारिणी में दिखा PDA का असर
समाजवादी पार्टी ने इसी साल अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की थी। लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा करने में समाजवादी पार्टी को लगभग 8 महीने का वक्त लग गया। 2024 के चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने अपनी लंबी चौड़ी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की है। इसमें भी कहीं न कहीं पीडीए का असर साफ दिखाई दे रहा है। यानी समाजवादी पार्टी की इस कार्यकारिणी में पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक समाज से आने वाले नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई है।
20% चेहरे तो सिर्फ अल्पसंख्यक
अल्पसंख्यक चेहरों की बात करें तो प्रदेश कार्यकारिणी में 12 मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई है। तीन महासचिव में 2 मुस्लिम चेहरों को शामिल किया गया है। एक को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। छोटे पदों को भी मिला लें तो करीब 24 मुस्लिम नेताओं को इस प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी गई है।
यानी कुल भागीदारी का लगभग 20 फीसदी अल्पसंख्यक समाज को दिया गया है। ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर नीलम रोमिला सिंह को जगह दी गई है। सिख चेहरे के तौर पर पीलीभीत के कुलवंत सिंह को जगह दी गयी है। इतना ही नहीं, एससी समाज से आने वाले 10 नेताओं को भी इस राज्य कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।
गैर यादव ओबीसी पर ज्यादा फोकस
समाजवादी पार्टी पर हमेशा यह आरोप लगता रहा है कि वह केवल यादव बिरादरी के नेताओं को ही तरजीह देती है। लेकिन इस बार जो राज्य कार्यकारिणी गठित की गई है। उसमें नॉन यादव ओबीसी पर पार्टी ने ज्यादा फोकस किया है।
प्रदेश कार्यकारिणी के कुल पदाधिकारियों में 30 चेहरे ऐसे हैं, जो गैर यादव ओबीसी हैं। यह संख्या कुल पदाधिकारियों की लगभग 48 फ़ीसदी है। इसमें मौर्य, कुर्मी, शाक्य, कुशवाहा, पटेल, लोधी समेत कई अति पिछड़ी जातियों को भी संगठन का हिस्सा बनाया गया है।
इसके पीछे एक वजह यह भी है कि ओमप्रकाश राजभर लगातार समाजवादी पार्टी पर इन जातियों को प्रतिनिधित्व ना देने को लेकर हमला करते रहे हैं। शायद अब समाजवादी पार्टी इस तरह के आरोपों से बचने और नॉन यादव ओबीसी को अपने साथ जोड़कर 2024 में अपनी जीत की राह तैयार करना चाहती है।
एडजस्ट हुए शिवपाल के 5 लोग
समाजवादी पार्टी की 182 सदस्यों वाली भारी भरकम प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कर तो दी है। लेकिन उसमें भी शिवपाल यादव के लोगों को कोई खास तवज्जो नहीं दी गई। पूरी कार्यकारिणी में शिवपाल यादव के 5 करीबियों को ही जगह मिल पाई है।
उसमें भी तीन को सचिव बनाया गया है। एक को आमंत्रित सदस्य और एक को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। किसी को भी महासचिव या उपाध्यक्ष का पद भी नहीं दिया गया है। जब समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हुई थी। तब उसमें केवल शिवपाल यादव को ही महासचिव बनाया गया था। तब भी उनके करीबियों ने इसे लेकर कहीं ना कहीं अपनी आपत्ति नाराजगी जताई थी। अब प्रदेश कार्यकारिणी में भी उनके लोगों को कोई खास तवज्जो मिलती नजर नही आई है।
अब आपको प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल चेहरों के बारे में भी बताते हैं...
राजकुमार मिश्रा को फिर कोषाध्यक्ष, 62 विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनित
नरेश उत्तम पटेल अध्यक्ष हैं। इस कार्यकारिणी टीम में चार उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, 61 सचिव और बाकी के लोगों को सदस्य बनाया गया है। राजकुमार मिश्रा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, सपा की राज्य कार्यकारिणी में पार्टी के नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को भी जगह दी गई है। अब्दुल्ला आजम को सचिव बनाया गया है। कार्यकारिणी में चार उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, 61 सचिव और बाकी के लोगों को सदस्य बनाया गया है। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों पर आगे बढ़ते हुए रविवार को 112 सदस्यीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है।
अतार्ररहमान, जय शंकर समेत 61 सचिव बने
जारी की गई लिस्ट के अनुसार, मो. इरफान हक, सीएल वर्मा, श्याम लाल पाल और राजेंद्र एस बिंद को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। वहीं, अयोध्या के सपा नेता जय शंकर पांडे, बरेली के अताउर्ररहमान, अंबेडकरनगर के अनीसुर्रहमान महासचिव बनाए गए हैं। इसके अलावा अब्दुल्ला आजम, जियाउद्दीन रिजवी, सर्वेश अंबेडकर, राम सिंह राणा, दयाशंकर निषाद, पंपी जैन, महेंद्र चौहान, धर्मवीर डबास, जुगुल किशोर बाल्मीकि, दयाराम प्रजापति, मांगेराम कश्यप, देवनाथ साहू, कुमुद लता राजवंशी, ओंकार पटेल, रूकमणी निषाद और एसपी सिंह कुशवाहा सहित 61 सपा नेताओं को सचिव बनाया गया है।
कार्यकारिणी की टीम में ये सदस्य शामिल
राजीव शर्मा, लालमन राजभर, जियाउल इस्लाम, विश्वनाथ विश्वकर्मा, राम कुमार कंडेरे, श्याम लाल बच्ची सैनी, जय गोपाल सोनी, विजय शंकर नट, राजीव नाथ सपेरा, भइया राम पटेल, मोहम्मद इशहाक अंसारी, योगेंद्र सिंह खड़गवंशी, मुस्ताक काजमी, आरिफ अनवर हाशमी, शशांक यादव, मौलाना इस्राईल, माया बाल्मीकि, राजपाल शर्मा, कमला यादव, अनिल सिंह वीरू, राहुल कौशिक, नफीस अहमद, रामगोपाल बघेल, सहजराम वर्मा, बलराम मौर्या, दीपक चौरसिया एडवोकेट, देवेंद्र प्रताप स्वर्णकार, हाजी जमा खां, आनंद सिंह यादव, यशपाल सिंह, मोहम्मद अतहर खां, शमीम अंसारी, सुभास सिंह, शफी मंसूरी, कमलेश कुमार वर्मा, दिलीप कमलापुरी, सोमवीर सिंह, खुमान सिंह वर्मा लोधी, अरविंद गुप्ता, शिवमूर्ति सिंह राना, रागिनी सोनकर और शिवमोहन चौधरी सहित कई नेताओं को सदस्य बनाया गया है।