ज्ञानवापी में वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे का आज 10वां दिन है। सर्वेक्षण का 10 वां दिन काफी महत्वपूर्ण है। ASI लगातार चल रहे सर्वे से दो कदम आगे बढेगी। इसमें GPR मशीन लगाने के जगहों का मार्किग सबसे अहम है। वहीं, अंदर तहखाना साफ होने के साथ ही उसकी बारीकी से जांच की जा रही है।
जिला जज के आदेश पर ASI की टीम सर्वे कर रही है। तीन अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश के बाद परिसर के ऐतिहासिक वजूद को खंगालने में टीमें जुटी हैं। पत्थरों से लेकर जमीन तक, दीवार से लेकर नींव तक ASI अत्याधुनिक मशीनों से पड़ताल कर रही है। अब तक 40 सदस्यीय ASI की टीम पूरी परिसर की 3D मैपिंग कर रही है। इस माप को डिजिटल नक्शे में दर्ज किया जा रहा है।
शनिवार को कड़ी सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई। इसके कुछ देर बार वादी और उसके वकील भी ज्ञानवापी परिसर में पहुंचे। परिसर के अंदर कुछ देर बैठक के बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू हो गई। ASI की टीमें मुख्य परिसर के अलावा तहखाने में रहेगी। इसके अलावा अत्याधुनिक मशीनों से सर्वे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।
नींव से लेकर दीवारों और परिसर के तमाम स्थलों की पैमाइश भी जारी है। एक्सपर्ट भी सर्वे में शामिल हैं। परिसर में सतह से लेकर निर्माण तक के सभी बिंदुओं को अब तक ट्रोपोग्राफी शीट पर उतारा गया है। अलग-अलग हिस्सों की फोटोग्राफी, वीडियो ग्राफी का कार्य जारी रहेगा। 9 बजे शुरू होकर सर्वे 12.30 बजे लंच और नमाज के लिए रोका जाएगा। 2.30 बजे से दोबारा सर्वे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा।
टीम से दूर रहेंगे हिंदू और मुस्लिम पक्ष
ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच बढ़ती तल्खी को देखते हुए नई व्यवस्था की जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार सर्वे के दौरान अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग ASI की टीम से दूर रहेंगे। यह नई व्यवस्था गुरूवार से लागू हो गई है। हिंदू या मुस्लिम पक्ष के लोगों को अपनी बात ASI टीम से बतानी होगी। इसके बाद सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश और निकास के समय उनसे बात कर सकेंगे। सर्वे के दौरान अब हिंदू या मुस्लिम पक्ष के लोग टीम के साथ नहीं रहेंगे, किसी तरह के सवाल भी नहीं करेंगे।
भ्रामक सूचनाएं रोकने के लिए कोर्ट ने लगाई रोक
ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान भ्रामक सूचनाओं को लेकर जिला जज ने आदेश जारी किया है। जज ने आदेश में कहा कि कवरेज को लेकर अदालत ने आदेश दिया है कि सर्वे के संबंध में औपचारिक सूचना के बगैर गलत प्रकार से समाचार के प्रकाशन पर विधि के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, यह भी कहा है कि ASI, वादी-प्रतिवादी व उनके अधिवक्ता, डीजीसी (सिविल) या कोई अन्य अधिकारी सर्वे के संबंध में किसी को न कोई सूचना देंगे और न कोई टिप्पणी करेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी निगरानी में जुटी हैं।