वाराणसी के सर्व सेवा संघ परिसर में 80 मकानों को गिराने की कार्रवाई चल रही है। सुबह से ही ध्वस्तीकरण में 6 बुलडोजर लगे हैं। 3 घंटे की मशक्कत में 12 बिल्डिंग को गिराया गया। इस दौरान सर्व सेवा संघ परिसर में हंगामा भी हुआ। संघ कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। जिसके बाद पुलिस ने 10 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
13 एकड़ में फैले परिसर में करीब 80 मकान बने हुए हैं। इनमें रहने के लिए मकान और ऑफिस हैं। उन्हें एक-एक करके गिराया जा रहा है। परिसर में पुलिस, प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौजूद हैं। विरोध करने के लिए महिलाएं भी पहुंची। वो रोती हुई दिखीं, लेकिन किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया।
पदाधिकारियों ने लोगों से की इमोशनल अपील
वहीं, सर्व सेवा संघ और कई दलों के लोग राजघाट स्थित परिसर के पास पहुंचे हैं। पदाधिकारियों ने इमोशनल अपील करते हुए कहा कि देशभर के लोग एक अंतिम प्रयास करें, गांधी-विनोबा भावे की विरासत बचाने के लिए यहां पर पहुंचे।
बता दें कि इस बिल्डिंग को बचाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कई नेताओं ने आवाज उठाई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन आज इन बिल्डिंग्स को ढहा रहा है।
वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर को पहले ही खाली करा दिया गया था। यहां बसी कॉलोनियों और ऑफिस से लोगों को बाहर करके रेलवे ने अपनी संपत्ति का बोर्ड भी लगा दिया था। परिसर में एक पोस्ट ऑफिस भी है। इसे गिराने के लिए कल तक की मोहलत दी गई है। आज पोस्ट ऑफिस का सामान शिफ्ट किया जा रहा है।
8 बजे पुलिस, 9 बजे अफसर पहुंचे, विरोध करने वालों को थाने भेजा
शनिवार सुबह करीब 8 बजे सर्व सेवा संघ पर पुलिस पहुंच गई। पूरे एरिया को घेर लिया गया। करीब 9 बजे यहां प्रशासन-पुलिस के अफसर भी पहुंच गए। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाने के बाद उन्हें परिसर से दूर ले जाया गया। बुलडोजर ने करीब 10 बजे ध्वस्तीकरण शुरू किया।
विरोध कर रहे कार्यकर्ता नंदलाल मास्टर, जागृति राही, डॉ. अनूप श्रमिक, तारकेश्वर, अनूप आचार्य, अरविंद कुशवाहा, ध्रुव, अवनीश, फ़ा आनंद और रामधीरज को पुलिस ने हिरासत में लिया है। दूसरी तरफ, काशी में हो रहे बुलडोजर एक्शन के खिलाफ शनिवार को देशभर में सर्वोदय कार्यकर्ता एक दिन का उपवास रखकर विरोध जता रहे हैं।
राकेश टिकैत ने भी किया विरोध
दो दिन पहले किसान राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और मेधा पाटेकर ने सर्व सेवा संघ परिसर को बचाने के लिए जोर-शोर से आवाज उठाई थी। राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर सरकार ने बुलडोजर चलाया तो अपने ट्रैक्टर हम दिल्ली के आगे बनारस भी मोड़ सकते हैं। जमीन बचाने को लेकर पिछले करीब 80 दिन से सर्व सेवा संघ के लोगों ने जीतोड़ धरना प्रदर्शन किया। जमीन के कई कागज भी दिखाए, मगर सारे दावे नकार दिए गए।
काशी में हो रही कार्रवाई पर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने भी ट्विटर पर विरोध जताया...
22 जुलाई को खाली कराया था परिसर
बुलडोजर और पुलिस बल के साथ सर्व सेवा संघ परिसर पहुंचे प्रशासनिक और रेलवे के अधिकारियों ने 22 जुलाई को सामान बाहर निकलवा दिया था। लाइब्रेरी की काफी किताबें बाहर फेंक दी गईं थीं। 8 लोगों को हिरासत में ले लिया गया था।
शांति भंग में चालान किया गया। यहां के करीब 50 आवास और चार संग्रहालयों को खाली कराया गया। जमीन पर संघ के मालिकाना दावे को जिलाधिकारी कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था। इसके बाद रेलवे प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाने और भवन ध्वस्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया था।