नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को लोकसभा में भारतीय दंड संहिता (IPC) को बदलने के लिए भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita Bill, 2023) पेश किया. जिसमें मानहानि, शराब पीने के बाद गलत बर्ताव करने जैसे अपराधों के लिए दंड के तौर पर सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है. अमित शाह ने संसद निचले सदन में तीन विधेयक पेश किए, जो औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों की जगह लेंगे. इनमें भारतीय दंड संहिता-1860, दंड प्रक्रिया संहिता-1898 और भारतीय साक्ष्य संहिता-1872 शामिल हैं. अमित शाह ने जो नए विधेयक पेश किए उनमें भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 शामिल हैं.
इससे पहले आईपीसी में मौत, आजीवन कारावास, कठोर कारावास, साधारण कारावास, संपत्ति की जब्ती और जुर्माने के रूप में दंड का प्रावधान था. अब इस सूची में ‘सामुदायिक सेवा’ भी जुड़ गई है. प्रस्तावित कानून में आत्महत्या की कोशिश, अवैध रूप से व्यापार में लगे लोक सेवकों, 5,000 रुपये से कम की संपत्ति की चोरी, सार्वजनिक जगहों पर नशा और मानहानि जैसे मामलों में सामुदायिक सेवा की सजा देने का सुझाव दिया गया है. सामुदायिक सेवा के सबसे प्रचलित उदाहरण सफाई के काम हैं. जिनमें सार्वजनिक जगहों पर कचरा इकट्ठा करना, दीवारों की सफाई या सार्वजनिक सुविधाओं का रखरखाव भी शामिल है. कथित सामाजिक क्षतिपूर्ति के जरिये अपराधियों का पुनर्वास करते हुए ये सामाजिक सेवाएं स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.
सामुदायिक सेवा पश्चिमी देशों में आम है
पश्चिमी देशों विशेष तौर से अमेरिका की न्याय व्यवस्था में सामुदायिक सेवा एक सामान्य दंड है. यह गैर-हिरासत में दी जाने वाली सजा अक्सर जेल की सजा के विकल्प के रूप में काम करती है. इसमें दंडात्मक उपाय के रूप में समुदाय को दोषी शख्स के श्रम का लाभ उठाने का मौका मिलता है. न्यायालय के आदेश से की जाने वाली सामुदायिक सेवा बहुत तरह की होती हैं, जो सेवाओं के विविध रूपों और किए गए अपराधों को सामने रखती हैं. सामुदायिक सेवा प्रायश्चित के साथ-साथ नागरिकों में जिम्मेदारी की आदतों को बढ़ावा देने की कोशिश करती है.
शैक्षिक या जागरूकता कार्यक्रम
एक अन्य बार-बार दी जाने वाली सेवा शैक्षिक या जागरूकता कार्यक्रम है. अपराधियों को नशीली दवाओं या अल्कोहल के बारे में शिक्षा, गुस्से पर कंट्रोल रखने या सेफ ड्राइविंग की क्लास में हिस्सा लेने की जरूरत होती है. इसके अलावा सामुदायिक सेवा में दान का काम भी शामिल है. इसमें बेघर आश्रयों या खाद्य बैंकों में स्वयंसेवा से लेकर अस्पतालों या धर्मशालाओं में सहायता करना शामिल हो सकता है. कुछ मामलों में किसी क्षेत्र में कुशल अपराधियों को सार्वजनिक लाभ के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करने की अनुमति दी जाती है.