सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बेहतर न्याय प्रशासन का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तबादलों की सीरिज में गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत एम प्रच्छक के स्थानांतरण की सिफारिश की, जिन्होंने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। प्रच्छक का तबादला पटना हाईकोर्ट से किया जायेगा। कॉलेजियम ने गुजरात उच्च न्यायालय से तीन अन्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की भी सिफारिश की, जिनमें न्यायमूर्ति गीता गोपी शामिल हैं, जिन्होंने मानहानि मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ राहुल गांधी की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया था और न्यायमूर्ति समीर दवे, जिन्होंने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
न्यायमूर्ति दवे को राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा जबकि न्यायमूर्ति गीता गोपी को मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा। गुजरात हाई कोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अल्पेश वाई कोग्जे को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा। इनके अलावा, कॉलेजियम ने इलाहाबाद, गुजरात और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालयों से न्यायाधीशों के स्थानांतरण की भी सिफारिश की। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से, न्यायमूर्ति एएस सांगवान, अवनीश झिंगन, आरएम सिंह और अरुण मोंगा को क्रमशः इलाहाबाद, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वीके सिंह को मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत के कॉलेजियम ने 3 अगस्त 2023 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया।