गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ अपने बयानों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। केजरीवाल और सिंह ने कथित तौर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री से संबंधित विवाद पर विश्वविद्यालय को बदनाम करने वाले अपमानजनक बयान दिए। मानहानि की शिकायत गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल द्वारा दायर की गई थी।
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था
पटेल के अनुसार, केजरीवाल ने 1 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में ऐसे अपमानजनक बयान दिए और सिंह ने 2 अप्रैल को दूसरे संवाददाता सम्मेलन में ऐसे बयान दिए। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सत्र अदालत में पुनरीक्षण याचिका के निपटारे तक उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए बुधवार को गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के संबंध में केजरीवाल और सिंह के ‘व्यंग्यात्मक’ और ‘अपमानजनक’ बयान पर गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से दायर मानहानि मामले में दोनों नेताओं को 11 अगस्त को तलब किया था।
केजरीवाल और सिंह ने मानहानि मामले में मेट्रोपोलिटन अदालत के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में पुनरीक्षण आवेदन दायर किया था। उन्होंने अपने मुख्य आवेदन के लंबित रहने के दौरान सत्र अदालत से अंतरिम राहत मांगी थी, जिसे अदालत ने पिछले शनिवार को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उनके वकील पुनीत जुनेजा ने कहा, ‘‘केजरीवाल और सिंह ने आपराधिक मानहानि मामले में मेट्रोपॉलिटन अदालत में कार्यवाही पर तब तक रोक लगाने की याचिका के साथ गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है जब तक कि सत्र अदालत उनकी पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती।