मन की बात में ही पिछड़ा काशी, अवध क्षेत्र में BJP के आयोजनों में सबसे ज्यादा लोग शामिल हुए

मन की बात में ही पिछड़ा काशी, अवध क्षेत्र में BJP के आयोजनों में सबसे ज्यादा लोग शामिल हुए

2024 के सियासी रण के लिए बीजेपी जोर-शोर से जुटी हुई है। लगातार पार्टी अलग-अलग कार्यक्रम और अभियान चला रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में बीजेपी का महासंपर्क अभियान भी संपन्न हुआ। लेकिन बीजेपी का कोई भी कार्यक्रम हो। कोई भी अभियान हो हर एक चीज का रियल टाइम फीडबैक बीजेपी लेती है।

खासतौर से पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम पर तो बीजेपी का विशेष फोकस रहता है। बीजेपी ने ऐसा मैकेनिज्म डेवलप किया है कि उसके किसी कार्यक्रम और अभियान में कितने लोग शामिल हुए। कितने बूथ पर कार्यक्रम हुआ। उसकी रियल टाइम रिपोर्टिंग उसके पास आ जाती है।

ऐसे ही फीडबैक में चौंकाने वाली बात सामने आई है। 30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में काशी क्षेत्र ही सबसे पीछे रह गया। जबकि अवध क्षेत्र में ये कार्यक्रम सबसे ज्यादा सुना गया।

सरल एप पर होती है फीडिंग

भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही अपने कार्यक्रम और अभियान के लिए जानी जाती है। खासतौर से फोकस बूथ लेवल तक होता है। इसके पीछे बीजेपी की रणनीति यही होती है कि कार्यकर्ता को कहीं ना कहीं इंगेज रखा जाए। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कार्यक्रम और अभियान केवल किसी खानापूर्ति के लिए होते हैं। बल्कि बीजेपी हर अभियान की ग्राउंड रिपोर्ट भी अपने पास तैयार रखती है।

इसके लिए पार्टी ने विशेष रूप से एक सरल एप डेवलप किया है। जिस पर हर एक कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी क्षेत्र से भेजी जाती है। इसी के आधार पर यह तय होता है कि किस क्षेत्र ने किसी अभियान में बेहतर परफॉर्म किया है। कौन सा क्षेत्र उस अभियान में फीसड्डी रह गया है।

दरअसल कोई भी कार्यक्रम और अभियान जब शुरू किया जाता है। तब उसके 24 घंटे के भीतर इसकी रिपोर्टिंग इस सरल ऐप पर की जाती है। यानी सरल ऐप पर यह रिपोर्टिंग की विंडो कार्यक्रम के बाद 24 घंटे तक की खुली रहती है। बाद में यह विंडो बंद हो जाती है। बूथ का कार्यकर्ता हो, मंडल के अध्यक्ष हो, क्षेत्र के अध्यक्ष हो। सभी को अपने हर एक कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी और उसकी फोटो को इसी एप पर अपलोड करना होता है।

इतना ही नहीं, अगर कोई एक ही फोटो को तीन-चार बार अपलोड करता है। तो जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से पकड़ जाता है। ये ऐप पूरी तरह से फुल प्रूफ है।

5.69 लाख लोग शामिल हुए, 53 हजार फोटो अपलोड हुए

30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन की बात आयोजन का 103 वां एपिसोड प्रसारित हुआ। सभी मंत्री, सांसद, विधायक और पदाधिकारियों ने अपने-अपने बूथ पर कार्यक्रम को सुना। लेकिन, अब जो आंकड़े सरल एप पर अपलोड किए गए। उसके मुताबिक सबसे बेहतर आयोजन अवध क्षेत्र रहा। यहां कुल 82 विधानसभा सीटें हैं।

अवध क्षेत्र में संगठनात्मक 15 जिले आते हैं। यहां कुल बूथ 32608 हैं। सरल एप पर 5.69 लाख लोग के आयोजन में शामिल होने की डिटेल मिली। 53 हजार 4 सौ 80 फोटो अपलोड हुईं। अवध क्षेत्र का कुल प्रतिशत 94 फीसदी रहा।

कानपुर क्षेत्र में 86 प्रतिशत आयोजन हुए

कानपुर क्षेत्र में विधानसभा की 52 सीटें हैं। 17 जिलों में 20788 बूथ हैं। सरल एप पर 17 हजार 798 कार्यक्रम में 2,64,456 लोगों के शामिल होने की डिटेल दी गई। 27517 फोटो अपलोड की गईं। कानपुर क्षेत्र का प्रतिशत 86 रहा।

ब्रज क्षेत्र में 65 विधानसभा सीटें हैं। 19 जिले और 26438 बूथ आते हैं। सरल एप पर 17638 कार्यक्रम और 3.31 लाख लोगों के शामिल होने की डिटेल दी गई। 29646 फोटो अपलोड हुए। ब्रज क्षेत्र का कुल प्रतिशत 67 रहा।

गोरखपुर क्षेत्र की 62 सीटें हैं। कुल संगठनात्मक जिले 12 हैं। कुल बूथ 24768 हैं। सरल एप पर 13779 कार्यक्रम और इनमें शामिल 3 लाख लोगों की डिटेल दी गई। 23855 फोटो अपलोड हुए। गोरखपुर क्षेत्र प्रतिशत 56 रहा।

पश्चिम क्षेत्र में 71 विधानसभा की सीटें हैं। संगठनात्मक जिले 19 हैं। कुल बूथ 28537 हैं। सरल एप पर 15726 कार्यक्रम और इनमें शामिल 2.40 लाख लोगों की 28996 फोटो अपलोड किए गए। पश्चिम क्षेत्र का कुल प्रतिशत 55 फीसदी रहा।

काशी क्षेत्र की बात करें तो यहां कुल विधानसभा की 71 सीटें हैं। संगठनात्मक जिलों की संख्या 16 हैं। यहां 28006 बूथ हैं। सरल एप पर 11151 कार्यक्रम 2.55 लाख लोगों के शामिल होने की जानकारी दी गई। 18582 फोटो अपलोड हुईं। इस तरह काशी का प्रतिशत 40 फीसदी ही रहा।

बीजेपी ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांटा हैं

भारतीय जनता पार्टी ने यूपी को संगठन के लिहाज से 6 क्षेत्रों में बांटा है। इसमें अवध क्षेत्र, काशी क्षेत्र, गोरखपुर क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र शामिल हैं। इस साल मार्च में बीजेपी ने 2024 के लिहाज से अपने सभी 6 क्षेत्रीय अध्यक्षों को बदल दिया था। इस बदलाव में पार्टी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश की थी।

कानपुर क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल को बनाया गया था, जबकि अवध क्षेत्र की जिम्मेदारी कमलेश मिश्रा को दी गई। काशी क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल को बनाया गया। गोरखपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी सहजानंद राय को सौंपी गई। पश्चिम की जिम्मेदारी सतेंद्र सिसोदिया को दी गई और ब्रज क्षेत्र में दुर्विजय सिंह शाक्य को क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

2024 के लिहाज से इन क्षेत्रीय अध्यक्षों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि पार्टी जो भी रणनीति तैयार करेगी। उसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर रहेगी। इतना ही नहीं, चुनाव प्रचार से लेकर उम्मीदवार चयन में इनकी राय काफी मायने रखेगी।

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