मैहर निर्भयाकांड की पीड़ित मासूम अस्पताल से घर भी नहीं पहुंची थी कि अब एमपी के रीवा जिले के हनुमना थाना क्षेत्र से भी हैवानियत की हद पार करने का एक मामला सामने आ गया। जहां जंगल में चकौड़ा का साग काटने गईं 13 और 14 साल की दो चचेरी आदिवासी बहनों से सात युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया।
बच्चियों ने जब आपबीती सुनाई तो पुलिस के भी होश उड़ गए। एक के साथ पांच और दूसरी के साथ दो आरोपियों ने दरिंदगी कर वीडियो भी बनाया। बीते रविवार को सामूहिक दुष्कर्म का वीडियो वायरल होने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस पीड़ित बच्चियों की पहचान कर थाना लेकर आई। फिर मामला दर्ज कर पांच लड़कों को हिरासत में लिया। आरोपियों से घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है। दो आरोपी अभी भी फरार हैं।
जंगल में साग काटने गई थीं दोनों युवतियां
जानकारी के मुताबिक, दो बहनों के साथ वहशीपन की यह घटना करीब 15 दिन पुरानी है। 13 और 14 साल की दोनों बहनें चकौड़ा का साग काटने जंगल गई थीं। वहां पांच लड़के पहले से ही मौजूद थे। दोनों बहनों को देखकर आरोपी अश्लील इशारे करने लगे और फोन कर अपने दो और साथियों को बुला लिया। उनके इरादों को भांपकर दोनों बहनें वहां से भागने लगीं। इस पर सभी आरोपियों ने उनका पीछा किया और पकड़ कर करकाछ जंगल ले गए। वहां उन्होंने बच्चियों को बंधक बना लिया। फिर उनके साथ सातों लड़कों ने दुष्कर्म किया। आरोपी इस दरिंदगी का वीडियो भी बना रहे थे। हैवानियत के बाद भी वे उनको बंधक बनाए रहे और दोनों बहनें छोड़ देने की गुहार लगाती रहीं। बाद में आरोपियों ने घटना की जानकारी किसी को देने पर वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी देकर छोड़ दिया। बदनामी के डर से खौफनाक घटना की जानकारी परिजनों को देने की हिम्मत वे जुटा नहीं पाईं।
पुलिस मामले की जांच में जुटी
सोमवार को पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसपी विवेक सिंह, एएसपी विवेक कुमार लाल, सीन आफ क्राइम यूनिट के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आरपी शुक्ला ने टीम के साथ भौतिक साक्ष्य इकट्ठे किए। पुलिस को घटना से जुड़े अहम साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर आगे की जांच की जा रही है।