अविश्वास प्रस्ताव : मणिपुर मुद्दे पर पीएम का मौनव्रत तोड़ने के लिए लाए हैं ये अविश्वास प्रस्ताव - सांसद गौरव गोगोई

अविश्वास प्रस्ताव : मणिपुर मुद्दे पर पीएम का मौनव्रत तोड़ने के लिए लाए हैं ये अविश्वास प्रस्ताव - सांसद गौरव गोगोई

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर में हम मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ने के लिए यह प्रस्ताव लाए हैं।

यह अविश्वास प्रस्ताव लाना हमारी बाध्यता है, मुद्दा संख्या बल का नहीं बल्कि मणिपुर के लिए इंसाफ का है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार फेल हो गई।

सरकार ने दो मणिपुर बना दिया

गौरव गोगोई ने कहा कि हमने समाज में दो वर्गों के बीच ऐसा बंटवारा, इतना आक्रोश हमने पहले कभी-भी नहीं देखा। एक वर्ग दूसरे के प्रति बदले की भाषा का प्रयोग कर कर रहे हैं। एक ऐसी लकीर खींच दी गई है जिसका परिणाम सामने है। वन इंडिया की बात करनेवाली सरकार ने दो मणिपुर बना दिया है।मैं वाजपेयी के राजधर्म की सलाह करने की बात कहूंगा कि राजा के लिए प्रजा में जाति और धर्म के आधार पर भेद नहीं होना चाहिए।

गृह विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विफल रहे

गौरव गोगोई ने कहा कि गृह विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मणिपुर में पूरी तरह से विफल रहे। 35 पुलिस स्टेशन में घुसकर भीड़ हथियार अपने साथ लेकर गई। इंसास राइफल, एके-47 जैसे हथियार लूट लिए गए। ये सारे हथियार वहां के लोगों के बीच हैं। लूटे गए हथियारों से हमारे जवानों, मणिपुर के निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाई जाएंगी।

पीएम मोदी ने संसद में न बोलने का मौन व्रत लिया

गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है। इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनके लिए तीन सवाल हैं - 1. वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?, 2. आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए?, 3. प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?

शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए

गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है। इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मृत्यु हुई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 FIR दर्ज की गई हैं। राज्य के CM, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है।


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