जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाये रखने, कानून व्यवस्था को हर हालात में सुदृढ़ बनाए रखने और समाज के सभी वर्गों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए प्रयत्न करते रहने वाले नेताओं में शुमार हैं। खासकर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की कमान संभालने के बाद से उन्होंने जिस तरह हालात को सामान्य बनाने के लिए प्रयास किये उसी का परिणाम है कि आज पर्यटन आधारित प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके अलावा, उपराज्यपाल का प्रयास है कि कश्मीर के धार्मिक स्थलों पर भी देशभर से श्रद्धालु आयें। उनका मानना है कि धार्मिक पर्यटन से भी कश्मीर के लोगों को बड़ा लाभ होगा। हम आपको यह भी बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बिना किसी भेदभाव के हर धर्मस्थल पर जाते हैं और हर धर्मस्थल के विकास के लिए योजनाएं बनवा कर उन्हें लागू करवाते हैं। इसी कड़ी में जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बडगाम में ऐतिहासिक चरार-ए-शरीफ दरगाह पर पहुँचे तो उन्होंने वहां मत्था टेकने के बाद आध्यात्मिक नेताओं, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यहां आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उनका प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा।
हम आपको यह भी बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रयासों से ही कश्मीर में पिछले सप्ताह मुहर्रम का जुलूस लगभग 35 वर्षों बाद निकला था। यह जुलूस पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा था। खास बात यह रही कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी श्रीनगर में मुहर्रम जुलूस में शामिल हुए थे। काला कुर्ता पहने मनोज सिन्हा कड़े सुरक्षा घेरे में शहर के अंदरूनी इलाके के जदीबल स्थित बोटा कदल में जुलूस में शामिल हुए थे। पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपराज्यपाल के साथ मौजूद थे।