अलीगढ़ में रविवार देर रात एक जेल में बंद एक बंदी की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। बंदी बीमार था और पिछले 15 दिन से उसका जेएन मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। रविवार की रात उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
जैसे ही यह सूचना परिजनों के पास पहुंची, वह इकट्ठे होकर मेडिकल कालेज पहुंच गए और यहां पर धरना लगा दिया। उनका आरोप था कि मृतक के साथ जेल में जमकर मारपीट की गई थी, जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और फिर उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अब उसकी मौत हो गई है। इसके पीछे जेल प्रशासन जिम्मेदार है।
एनडीपीएस एक्ट में भेजा गया था जेल
देहलीगेट थाना क्षेत्र निवासी विमल कुमार (48) पुत्र स्व. बाबूलाल को पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे न्यायालय में पेश करके 13 जुलाई को जेल भेज दिया गया था। वह जेल में दो दिन तक ही रहा था, जिसके बाद 15 जुलाई को उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था।
जेल प्रशासन के अनुसार बंदी की अचानक जेल के अंदर तभीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे तत्काल इलाज के लिए जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। 15 जुलाई से लगातार विमल कुमार का जेएन मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। जिसके बाद 30 जुलाई को अस्पताल में ही बंदी ने दम तोड़ दिया।
पत्नी ने जेल प्रशासन पर लगाए आरोप
बंदी विमल कुमार की मौत के बाद उसकी पत्नी ने जेल प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। बंदी की पत्नी ममता देवी ने बताया कि 15 जुलाई को उसके पति को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। लेकिन अधिकारी परिवार को उससे मिलने नहीं दे रहे थे।
उनका बेटा सिर्फ 16 जुलाई को एक बार ही मृतक से मिला था। लेकिन इसके बाद जेल प्रशासन ने किसी को भी उससे मिलने नहीं दिया। पीड़िता ने बताया कि उसके पति के शरीर पर मारपीट के गंभीर निशान थे और जेल में अधिकारियों ने ही उसके साथ मारपीट की थी। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।
हंगामे के बाद अधिकारी पहुंचे मौके पर
परिजनों के हंगामे की सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। परिजनों ने जिलाधिकारी के नाम प्रार्थनापत्र देकर मृतक के पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने की मांग की है और जेल अधिकारियों की जांच कराने की मांग की है। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार ने यह ज्ञापन लेकर परिवार को कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
नायब तहसीलदार रतन कुमार ने बताया कि परिवार की ओर से जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन दिया गया है। इसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। परिवार को आश्वासन दिया गया है कि मामले की जांच की जाएगी और जांच के आधार पर जो भी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।