नयी दिल्ली। मणिपुर का दौरा करने वाले विपक्ष के सांसदों ने सोमवार को विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के, संसद के दोनों सदन के नेताओं को हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति से अवगत कराया। इन सांसदों ने संसद भवन के एक कक्ष में इंडिया के घटक दलों के नेताओं से मुलकात की। इस मौके पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता टीआर बालू, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का एक प्रतिनिधिमंडल 29 जुलाई को हिंसा प्रभावित मणिपुर पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि अगर मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी जातीय संघर्ष की समस्या को जल्द हल नहीं किया गया, तो देश के लिए सुरक्षा समस्याएं पैदा हो सकती हैं। प्रतिनिधिमंडल ने यह आरोप भी लगाया कि मणिपुर में “अनिश्चितता और भय” व्याप्त है तथा केंद्र एवं राज्य सरकार वहां की “बहुत गंभीर” स्थिति से निपटने के लिए कोई मजबूत कदम नहीं उठा रही हैं। इस प्रतिनिधिमंडल ने इंफाल स्थित राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की थी। साथ ही मणिपुर में शांति एवं सौहार्द लाने के लिए प्रभावित लोगों के तत्काल पुनर्वास की मांग करते हुए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर प्रतिनिधिमंडल ने उसे राज्यपाल को सौंपा था।