करुणा भाव से कर्तव्य निभाना ही समाज के प्रति सच्ची सेवा है : मोहन भागवत

करुणा भाव से कर्तव्य निभाना ही समाज के प्रति सच्ची सेवा है : मोहन भागवत

ठाणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि करुणा भाव से कर्तव्य निभाना ही समाज के प्रति सच्ची सेवा है। भागवत ने यहां धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल और एक मंदिर परिसर की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। संघ प्रमुख ने कहा, दुख दूर करने की भावना के साथ और बिना किसी स्वार्थ एवं अहंकार के मानव जाति की सेवा करना दूसरों के प्रति अपने कर्तव्य को समझना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य “रोटी, कपड़ा और मकान” की तरह समान रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन सुविधाएं अपर्याप्त हैं और सस्ती तथा सुलभ स्वास्थ्य संरचना समय की मांग है।

भागवत ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रस्तावित कैंसर अस्पताल से समाज को लाभ होगा क्योंकि यह दुख और कठिनाइयों को दूर करने की वास्तविक भावनाओं के साथ शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “जीवन बचाना ईश्वर की सेवा है और इससे लोगों को आशा मिलती है कि वे अकेले नहीं हैं।” उन्होंने अस्पताल परियोजना के लिए संघ की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। भागवत ने कहा कि देश में अच्छी शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा, ‘‘जरुरत के बावजूद अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। ये सुविधाएं आसान पहुंच के भीतर उपलब्ध होनी चाहिए। मौजूदा समय में कैंसर अस्पताल बहुत जरूरी है।’’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक कैंसर अस्पताल होना जरूरी है, जो सभी के लिए सुलभ और किफायती हो। भागवत ने कहा, ‘‘ हमारे देश में हर चीज़ को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। पवित्रता और चेतना महत्वपूर्ण है। व्यक्ति को उन लोगों से संवाद करना चाहिए जिनकी वह सेवा कर रहा है। उन्हें वह देने का प्रयास करना चाहिए जो बेहतर है।’’ इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ठाणे में बनने जा रहे 600 बिस्तरों की सुविधा वाले धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

शिंदे ने कहा, ‘‘ कैंसर अस्पताल न केवल ठाणे के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। इस अस्पताल में टाटा कैंसर अस्पताल के तकनीकी सहयोग से प्रोटीन थेरेपी के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। ’’ इस अवसर पर उन्होंने अपने गुरु और शिवसेना नेता दिवंगत आनंद दिघे को याद किया। उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिवंगत आनंद दिघे की सराहना करते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया जो राजनीति करने से ज्यादा लोगों की सेवा करने में विश्वास रखते थे।


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