चंद्रयान-3 के साथ विशाल रॉकेट जोरदार गर्जना के साथ जब शुक्रवार दोपहर आसमान में उड़ा तो वहां सिर्फ विस्मय और तालियां नहीं थीं, बल्कि कुछ हल्के-फुल्के क्षण भी थे। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र के मंच और उसके आसपास मौजूद लोग थोड़ी देर के बाद ही खुशी से झूम उठे। इसी मंच से इसरो की कुछ यादगार और प्रसिद्ध उपलब्धियों की घोषणा की गई है। चंद्रयान-3 के एलएमवीएम3-एम4रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग होने के तुरंत बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ मंच पर आए और कहा, ‘बधाई हो भारत।’ इसरो अध्यक्ष के पीछे अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, कई सरकारी प्रतिनिधि, दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठे थे। सोमनाथ ने आगे कहा, ‘‘चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है।’’
उन्होंने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, ‘‘एलवीएम3 ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया है... आइए हम आने वाले दिनों में चंद्रयान-3 को अपनी आगे की कक्षा में प्रवेश करने और चंद्रमा की ओर यात्रा करने के लिए शुभकामनाएं दें।’’ इसके बाद उन्होंने चंद्रयान-3 टीम के मिशन निदेशक एस मोहन कुमार और परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल का परिचय कराया। सोमनाथ ने मोहन कुमार को माइक्रोफ़ोन पर आमंत्रित किया, जबकि वह अपनी घड़ी देख रहे थे, जो समय की कमी का स्पष्ट संकेत था। जैसे ही कुमार ने अपना संबोधन शुरू किया, इसरो प्रमुख ने अपनी घड़ी की ओर देखते हुए कुमार के करीब आकर कुछ किया।
कुमार ने अपने संबोधन की शुरुआत की, ‘‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि एलवीएम3-एम4 ने चंद्रयान -3 को सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है... और एक बार फिर यह रॉकेट इसरो का सबसे विश्वसनीय भारी लिफ्ट वाहन साबित हुआ है। जब कुमार ने प्रक्षेपण यान के बारे में बात शुरू की तो वहां हास्य का माहौल उत्पन्न हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘विकास इंजन...अधिकतर यह मानव रेटेड इंजन बनने के लिए 100 प्रतिशत योग्य है...पिछली गैस प्रविष्टि भी हटा दी गई और यह एक आदर्श है।