अजित पवार बने वित्त मंत्री, राकांपा के अन्य मंत्रियों को सहकारिता, कृषि विभाग मिले

अजित पवार बने वित्त मंत्री, राकांपा के अन्य मंत्रियों को सहकारिता, कृषि विभाग मिले

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को शुक्रवार को वित्त और योजना विभाग का प्रभार सौंपा गया, वहीं उनके साथ सरकार में शामिल हुए राकांपा के आठ अन्य नेताओं में से कुछ को सहकारिता और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग आवंटित किये गये हैं। पवार को वित्त विभाग के आवंटन को अहम माना जा रहा है क्योंकि शिवसेना विधायकों भारत गोगावाले तथा प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू काडू समेत कुछ विधायकों ने इसका विरोध किया था। उनका दावा था कि राकांपा नेता पवार जब महा विकास आघाड़ी सरकार में वित्त मंत्री थे तो उन्होंने उन्हें दिये जाने वाले धन को रोका था। शुक्रवार को हुए विभाग आवंटन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता दिलीप वाल्से पाटिल को सहकारिता मंत्रालय दिया गया है जो पहले भाजपा के अतुल सावे के पास था। राकांपा नेता धनंजय मुंडे को कृषि विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है जो पहले एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के अब्दुल सत्तार के पास था।

राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार भी शुक्रवार को होने की अटकलें थीं। लेकिन आज किसी नये मंत्री को सरकार में शामिल नहीं किया गया और इस तरह की अपुष्ट खबरें मिलीं हैं कि 17 जुलाई को मुंबई में शुरू हो रहे महाराष्ट्र विधानसभा के मॉनसून सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होगा। अजित पवार ने करीब दो सप्ताह पहले शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा से अलग होकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। महाराष्ट्र सरकार में अब 28 कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन कोई राज्य मंत्री नहीं हैं। मंत्रिमंडल में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। शिवसेना के मंत्रियों को न केवल अजित पवार को वित्त मंत्रालय सौंपे जाने से निराशा हो सकती है, बल्कि राकांपा नेताओं के लिए कुछ कैबिनेट मंत्रियों को अपने विभाग छोड़ने भी पड़े हैं। इनमें शिंदे नीत शिवसेना के सत्तार तथा भाजपा के मंगल प्रभात लोढ़ा हैं।

मुख्यमंत्री शिंदे ने खुद पांच मंत्रालय छोड़े हैं जिनमें लोक निर्माण विभाग, विपणन, आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास, मृदा तथा जल संरक्षण और अल्पसंख्यक विकास विभाग हैं। लोक निर्माण विभाग का प्रभार शिवसेना के दादा भुसे को दिया गया वहीं मृदा तथा जल संरक्षण विभाग की जिम्मेदारी संजय राठौड़ के पास होगी। राठौड़ इससे पहले खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग देख रहे थे जिसका प्रभार अब राकांपा के धर्मराव बाबा अत्राम को सौंपा गया है। अब्दुल सत्तार अब कृषि मंत्री की जगह अल्पसंख्यक विकास और विपणन मंत्री होंगे। छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है। भाजपा नेता लोढ़ा के पास तीन विभागों की जिम्मेदारी थी जिनमें महिला और बाल विकास, पर्यटन और कौशल एवं उद्यमिता हैं। इनमें से महिला और बाल विकास विभाग राकांपा की अदिति तटकरे को दिया गया है, वहीं पर्यटन मंत्री के रूप में भाजपा के गिरीश महाजन काम करेंगे।

शिंदे मंत्रिमंडल में सबसे धनवान मंत्री लोढ़ा को 2022 में भाजपा-शिवसेना सरकार बनने के बाद पहली बार मंत्री बनाया गया था। उनके कुछ फैसले और बयानों से विवाद भी पैदा हुआ था। वह कौशल एवं उद्यमिता विभाग का काम देखते रहेंगे। शिवसेना के दादा भुसे लोक निर्माण विभाग का कामकाज देखेंगे, जो पहले मुख्यमंत्री शिंदे के पास था। भुसे पहले पत्तन विकास विभाग का काम देख रहे थे, जिसे अब राकांपा नेता संजय बनसोडे को दिया गया है। बनसोडे खेल और युवा मामलों के विभाग की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। राकांपा नेता अनिल पाटिल अब राज्य के राहत, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री होंगे। भाजपा नेता अतुल सावे अब आवास विकास मंत्री के रूप में सरकार में काम करेंगे। उनके पास पहले अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा कल्याण तथा सहकारिता विभाग का प्रभार था। फडणवीस ने वित्त और योजना मंत्रालय की जिम्मेदारी छोड़ी है जिसे अब पवार संभालेंगे।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के पास गृह, ऊर्जा, जल संसाधन, विधि और न्यायपालिका जैसे महत्वपूर्ण विभाग रहेंगे। लोक निर्माण विभाग और खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालयों का कामकाज देख रहे भाजपा नेता रवींद्र चव्हाण के पास अब केवल लोक निर्माण विभाग मंत्रालय (सार्वजनिक उपक्रमों के अतिरिक्त) बचा है। ग्रामीण विकास और पंचायत राज तथा चिकित्सा शिक्षा जैसे दो महत्वपूर्ण मंत्रालय पहले फडणवीस के करीबी सहयोगी गिरीश महाजन के पास थे। शुक्रवार को हुए विभाग वितरण में राकांपा नेता हसन मुशरिफ को चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय दिया गया है। मुशरिफ महा विकास आघाड़ी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि अब शिवसेना के उन विधायकों से बदला लिया जा रहा है जिन्होंने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी।

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