बीते कुछ महीनों से बीजेपी के एक एक कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी तक सरल एप का नाम रट चुका होगा , हाल में ही ख़बर आयी थी कि सरल एप पर एक लाख से ज्यादा महिलाओं के साथ तस्वीर अपलोड करने पर लखनऊ की एक महिला कार्यकर्ता को पीएम मोदी के साथ बात करने का मौका मिला था । अब खंज़र सूत्रों के हवाले से सनसनीखेज ख़बर ये आ रही है कि इस एप में अपलोड करोड़ो लोगों का डेटा लीक हो चुका है , यानि बीजेपी के कार्यकर्ताओं और रुझान रखने वालों की सभी जानकारियां बिक चुकी हैं ।
दरहसल सरल एप पर सभी बीजेपी पदाधिकारियों , जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को अपना स्वंय का और बीजेपी के प्रति रुझान रखने वालों का विवरण अपलोड करना था , जिसकी मॉनिटरिंग काफी शीर्ष स्तर पर की जा रही थी , एक अंदाज के मुताबिक करीब 10 करोड़ लोगों का विवरण इस सरल एप पर अपलोड किया जा चुका है देश भर में , विवरण जिसमे फोन नम्बर से लेकर पता , शैक्षिक योग्यता सब रहता है । मकसद ये था बीजेपी के थिंक टैंक्स का कि लोकसभा चुनावों से पहले उनके पास बीजेपी के प्रति रुझान रखने वाले हर एक व्यक्ति का विवरण डिजिटल रूप में मौजूद रहे पर ख़बर जो खंज़र सूत्रों के हवाले से बाहर आई है उसके मुताबिक अब उन करोड़ो लोगों का सम्पूर्ण विवरण बहुत सी उचित अनुचित जगहों पर मारा मारा फिरेगा ।
हमारे खंज़र सूत्र बताते हैं कि सरल एप के संचालन की पूरी जिम्मेदारी बीजेपी की केंद्रीय टीम ने जार्विस नाम की एक कंसल्टेंट कम्पनी को दी थी , जार्विस के लोग ही ट्रेनिंग से लेकर डेटा मैनेजमेंट तक का सारा काम करते हैं सरल एप से सम्बंधित कामो का पर अगर 10 करोड़ लोगो का डेटा लीक हुआ है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी बीजेपी की ही मानी जायेगी क्योंकि कार्यकर्ताओं ने अपना और मेहनत कर जुटाए गए अन्य लोगों का विवरण अपनी पार्टी बीजेपी को समर्पित किया था ना कि जार्विस जैसी किसी प्राइवेट कंपनी को । एक तरफ जहां बीजेपी सरकार डेटा सुरक्षा को लेकर कड़े नियम कानून बनाने की ओर अग्रसर है वहीं बीजेपी के ही सरल एप से करोड़ों लोगों का डेटा लीक हो जाना अपने आप मे किसी त्रासदी से कम नही माना जाना चाहिये ।
(अभिनव द्विवेदी )