राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नालों से गाद हटाने का काम ‘करीब-करीब पूरा’ हो चुका है तथा जलभराव के अन्य संभावित स्थलों की सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रशासन इस काम को जल्दी-जल्दी पूरा कर रहा है क्येांकि मानसून इस बार निर्धारित समय से दो दिन पहले ही रविवार को दिल्ली पहुंच गया। हालांकि वर्षा होने से लोगों को भयंकर गर्मी से राहत मिली। छोटी सड़कों से लगे नालों का रखरखाव दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) करती है जबकि चौड़ी सड़कों के नालों की देखभाल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) करता है। एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ गाद हटाने का हमारा काम करीब-करीब पूरा हो गया है।’’
महापौर शैली ओबरॉय ने एक जून को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि शहर में नालों से गाद हटाने का काम 15 जून तक हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि जिन जगहों पर जलभराव होने की आशंका रहती है वहां स्थायी या अस्थायी पंप लगाया जाना चाहिए तथा संवेदनशील स्थानों की सीसीटीवी की मदद से निगरानी की जानी चाहिए। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने भी कहा कि नालों से गाद हटाने का काम ‘करीब-करीब पूरा हो गया’ है। उन्होंने कहा, ‘‘ विभाग द्वारा किये गये काम का कल मूल्यांकन किया गया और कोई बड़ी बाधा नहीं है। हमने जलभराव वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये हैं। संबंधित अधिकारी इन सभी स्थानों पर किये जा रहे कामों की गति की निगरानी कर रहे हैं चूंकि उन्हें फुटेज उपलब्ध है।’’
अधिकारी ने यह भी कहा कि जलभराव वाले जिन स्थानों की पहचान की गयी है, ‘उनका ख्याल रखा जा रहा है’ तथा बाहरी एवं उत्तरी दिल्ली में सामने आये कुछ नये क्षेत्रों को छोड़कर ‘‘सभी स्थानों पर काम किया जा चुका है ताकि जलभराव वहां न हो।’’ यह सर्वविदित है कि मानसून के दौरान दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में जलभराव की समस्या सामने आती है। एमसीडी और पीडब्ल्यूडी ने कहा है कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए योजना बनायी है कि जलभराव न हो खासकर तब जब सितंबर में यहां जी 20 सम्मेलन होगा।