मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता इबोबी सिंह ने रविवार को कहा कि उन्हें मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया क्योंकि उन्होंने कई ऐसे सवाल उठाए जो सरकार को ‘‘असहज’’ करने वाले थे। सिंह ने बैठक में यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में हिंसा शुरू होने के 50 दिन बाद भी अब तक उस पर एक भी शब्द क्यों नहीं बोला है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मणिपुर हिंसा को करीब दो महीने हो गए हैं, 50 दिन से ज्यादा हो गए हैं। आज तक इस देश के प्रधानमंत्री ने मणिपुर का जिक्र क्यों नहीं किया? एक भी शब्द नहीं, एक भी ट्वीट नहीं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मणिपुर से नाराज हैं। यद्यपि यह एक छोटा सा राज्य है, लेकिन हमें लगता है कि हम म्यांमा से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक दल अलग हो सकते हैं लेकिन वह हमारे प्रधानमंत्री हैं। अगर प्रधानमंत्री को लगता है कि मणिपुर इस देश का हिस्सा है तो उन्होंने एक शब्द भी क्यों नहीं कहा? यह सवाल करने का मुद्दा है। ये बात हम विपक्ष के तौर पर नहीं कह रहे हैं।’’ मणिपुर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से) इस तरह के कई सवाल पूछे। वह कहने लगे कि ज्यादा वक्त नहीं है और 20 से ज्यादा राजनीतिक दल हैं।’’ सिंह की यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद आई है। तीन घंटे तक चली इस बैठक में 18 राजनीतिक दल, पूर्वोत्तर के चार सांसद और क्षेत्र के दो मुख्यमंत्री शामिल हुए थे।
शाह ने शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले दिन से ही मणिपुर की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और समस्या का समाधान निकालने के लिए ‘‘पूरी संवेदनशीलता के साथ हमारा मार्गदर्शन’’ कर रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच तीन मई को भड़की हिंसा में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।