New Delhi: उमस वाली गर्मी में कितने डिग्री पर चलाएं AC? कूलिंग भी रहे और बिजली का मीटर भी न भागे

New Delhi: उमस वाली गर्मी में कितने डिग्री पर चलाएं AC? कूलिंग भी रहे और बिजली का मीटर भी न भागे

बरसात से मौसम में हवा नमी वाली हो जाती है. मानसून में एसी को भी ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत पड़ती है, जिससे कि ये सही से परफॉर्म करता रहे. ऐसे में ये जानना बहुत ज़रूरी है कि इस बारिश में AC को कितने टेम्प्रेचर पर सेट किया जाए जिससे कि ठंडक मेंटेन रहे और बिजली बिल भी कम आए.

बरसात का मौसम शुरू हो गया है, और अब हवा में ठीक-ठाक नमी का एहसास भी होने लगा है. मौसम में नमी होने के चलते पंखे या कूलर में गुज़ारा नहीं हो पाता है. इस मौसम में AC की हवा ही सबसे अच्छी लगती है, और इसकी वजह ये है कि एसी हवा की नमी को कम करने में मदद करता है, और सूखी हवा प्रदान करता है.

लेकिन जब बारिश के मौसम की बात चल रही हो तो एसी की मेंटेनेंस का जिक्र ज़रूर होना चाहिए. ऐसे मौसम में कई बार इसमें से अलग सी आवाज़, अजीब सी बदबू, पानी लीक होने की दिक्कत आने लगती है, और तो और बारिश के मौसम में एसी भी लंबे देर तक चलाना  पड़ता है. इसकी वजह से बिजली का बिल भी बढ़ने लगता है.

मौसम कोई भी एसी की सही देखभाल होगी तो उसकी लाइफ बढ़ेगी, और ये आमतौर पर सभी इलेक्ट्रॉनिक के लिए है. लेकिन खासतौर पर मानसून में एयर कंडीशनर पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत पड़ती है, जिससे कि इसकी परफॉर्मेंस पर असर न पड़े.

कई बार लोगों के मन में ये सवाल आता है कि आखिर AC को कितने नंबर सेट करना सही होता है. तो आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए बता दें कि बारिश के मौसम में आप अपने एसी को 24 से 26 डिग्री के बीच सेट कर सकते हैं.

इस मौसम के लिए ये परफेक्ट टेम्प्रेचर है, और खास बात ये है कि इससे आपकी बिजली की बचत भी होगी. अब अगर मन में ये सवाल आया है बचत कैसे होगी तो आप ऐसे समझिए कि जब आप एसी को 24, 25, या 26 पर चलाएंगे, तो इस टेम्प्रेचर तक पहुंचने में इसे ज़्यादा समय नहीं लगेगा. इसकी वजह से कंप्रेसर जल्दी-जल्दी बंद होगा. तो जब कंप्रेसर बंद रहता है, और एसी का सिर्फ फैन चलता है तो आपका बिजली का मीटर नहीं भागता है.

इसके अलाव बरसात के मौसम में आप अपने मुताबिक कूल, ड्राय, फैन मोड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.  बता दें कि मानसून से पहले AC के मेंटेनेंस से हवा की क्वालिटी में सुधार तो होता ही है, साथ ही बिजली की खपत कम होती है और मशीन को बेहतर तरीके से काम करने में भी मदद मिलती है. इससे एयर कंडीशनिंग सिस्टम की लाइफ बढ़ जाती है.

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