गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ये ऐप कर रहे जासूसी, फोन में हैं तो तुरंत डिलीट कर दें

गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ये ऐप कर रहे जासूसी, फोन में हैं तो तुरंत डिलीट कर दें

नई दिल्ली: अगर आप एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करते हैं तो समय-समय पर ये चेक करते रहें कि आपके फोन में कौन-कौन से ऐप इंस्टॉल्ड हैं. जब चेक करें तो देखें कि उसमें nSure Chat और iKHfaa नाम के ऐप्स तो नहीं हैं. अगर हैं तो उन्हें तुरंत डिलीट कर दें. साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स का कहना है कि इन ऐप्स में मैलवेयर है, जो फोन से यूजर्स की सेंसिटिव इंफॉर्मेशन चुरा रहा है. रिसर्चर्स का ये भी कहना है कि इन ऐप्स का इस्तेमाल साइबर अटैक के लिए भी किया जा सकता है.

साइबर सिक्योरिटी कंपनी CYFIRMA के रिसर्चर्स ने इन ऐप्स को लेकर चेतावनी जारी की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्ले स्टोर पर इन ऐप्स के डेवलपर का नाम SecirITY Industry लिखा हुआ है. इन ऐप्स को इस तरह से तैयार किया गया है कि ये यूजर के फोन से सेंसिटिव और पर्सनल जानकारी निकाल सकें. लोकेशन, गैलरी से लेकर कॉन्टैक्ट लिस्ट भी ये ऐप्स निकाल सकते हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इन ऐप्स का इस्तेमाल ऐसे हैकर्स भी कर रहे हैं जो सरकार के लिए इंटेलिजेंस इकट्ठा करते हैं.

साइबर अटैक करने वाले ग्रुप्स से जुड़े हैं इन ऐप्स के तार

इंडिया टुडे की रिपोर्टके मुताबिक, CYFIRMA के रिसर्चर्स का कहना है कि इंफेक्टेट ऐप्स के तार खतरनाक हैकिंग ग्रुप DoNot से जुड़े हैं. ये ग्रुप 2018 से ही साउथ ईस्ट एशिया के बड़े संस्थानों पर साइबर अटैक कर रहा है. रिपोर्ट में लिखा है,” कुछ समय पहले इस ग्रुप ने कश्मीर के कुछ लोगों को अपना शिकार बनाया था, वहीं पाकिस्तान में रहने वालों को भी ये ग्रुप टारगेट कर चुका है. हालांकि, साउथ एशियाई क्षेत्र में होने वाले इन हमलों के पीछे का मकसद साफ नहीं है.”

डेटा चुराने वाले ऐप्स से कैसे बचें?

सबसे पहले तो nSure Chat और iKHfaa VPN ऐप्स को गूगल प्ले से डाउनलोड न करें. अगर फोन में ये ऐप हैं तो उन्हें तुरंत हटा दें. गूगल अपनी तरफ से प्ले स्टोर को मैलिशियस ऐप्स से सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश करता है, पर फिर भी कोई भी ऐसा ऐप डाउनलोड न करें जिसके बारे में आपको जानकारी न हो. विज्ञापन देखकर तो कतई ऐप डाउनलोड न करें.

जब भी किसी ऐप को डाउनलोड करने जाएं तो उसकी रेटिंग्स और रिव्यू देख लें. रिव्यू में अक्सर यूजर्स ऐप को लेकर अपना जेन्यूइन फीडबैक लिखते हैं. अगर ऐप को लेकर किसी यूजर ने डेटा चोरी की आशंका जताई है तो डाउनलोड करने से बचें. वॉट्सऐप, टेलीग्राम या ईमेल पर आने वाले अननोन लिंक्स पर बिल्कुल भी क्लिक न करें. इन लिंक्स पर क्लिक करना आपको साइबर अटैक के रिस्क में डाल सकता है.

फोन में किसी भी ऐप को लोकेशन, कैमरा, गैलरी, कॉन्टैक्ट आदि का एक्सेस देने से पहले अच्छे से चेक कर लें कि क्या उस ऐप के लिए वो परमिशन ज़रूरी है. अगर नहीं है तो वो परमिशन बिल्कुल न दें. इसके साथ ही पब्लिक फ्री वाई-फाई नेटवर्क से अपने फोन को कभी कनेक्ट न करें. साइबर ठग इन नेटवर्क्स का इस्तेमाल आपके डिवाइस तक वायरस पहुंचाने के लिए कर सकते हैं.

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