अयोध्या के बाहुबली नेता विकास सिंह को दिल्ली से NIA ने अरेस्ट किया है। आरोप है कि उसने सिद्धू मुसेवाला के शूटर को पनाह दी थी। उसका नाम NIA की कस्टडी में आए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े एक खालिस्तानी समर्थक से पूछताछ में सामने आया था।
जांच एजेंसी NIA ने विकास सिंह को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर 7 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने आरोपी को 5 दिन की हिरासत में भेज दिया है। NIA लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से विकास सिंह के रिश्तों को लेकर छानबीन कर रही है।
विकास सिंह अयोध्या के महाराजगंज इलाके के गांव देवगढ़ का रहने वाला है। यूपी पुलिस के रिकॉर्ड में वो हिस्ट्रीशीटर है। 21 केस दर्ज है।
अब आपको बताते हैं कि NIA ने किन बिंदुओं पर उसकी रिमांड मांगी है...
सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने अपनी रिमांड अर्जी में कहा कि विकास को लॉरेंस बिश्नोई के आपराधिक सिंडिकेट को संचालित करने के साथ भारत और विदेशों में स्थित उसके गिरोह के सदस्यों को पनाह देता है।
उसके गिरोह के लोग दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने और युवाओं को जोड़ने का काम करते हैं।
उसकी पहुंच देश ही नहीं विदेश तक है और देश विरोधी गतिविधयों की साजिश विभिन्न राज्यों की जेलों में रची गई या रची जा रही है। जिसको विदेशी नेटवर्क के माध्यम से अंजाम दिलाया जा रहा है।
विकास ने मई 2022 में पंजाब के मोहाली में इंटेलिजेंस हेड क्वार्टर पर रॉकेट से हुए हमले के आरोपियों दीपक और दिव्यांशु को पनाह दी थी।
गोसाईंगंज (अयोध्या) से सपा विधायक अभय सिंह ने भी विकास पर हत्या की साजिश रचने और लॉरेंस विश्नोई गिरोह के शूटर द्वारा रेकी कराने का आरोप लगाया था।
विक्की मुधुरेखा ने लॉरेंस विश्नोई से कराई थी मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक विकास सिंह की लॉरेंस बिश्नोई से मुलाकात विक्की मधुखेरा नाम के युवक ने कराई थी। जोकि लॉरेंस बिश्नोई का दाहिना हाथ माना जाता है।उसके बाद विकास ने अयोध्या में अपने खास गुर्गे दिव्यांशु को लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से जोड़ा। उसके बाद दोनों ने लॉरेंस विश्नोई के कहने पर नांदेड़ में व्यवसायी संजय बियाणी और पंजाब में राणा कंधोवालिया की हत्या की। वहीं 2020 में लॉरेंस विश्नोई के शूटर मोनू डागर, चीमा, राजन और खेड़ा को लखनऊ और देवगढ़ स्थित घर पर पनाह दी।
2012 में राजनीति में रखा कदम, गुरु का ही बना दुश्मन
विकास ने पुलिस से बचने के लिए राजनीति में कदम रखा और 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा नेता अभय सिंह का साथ दिया था। उसके बाद अभय से ही दुश्मनी लेकर उनके खिलाफ भाजपा नेता खब्बू तिवारी से जुड़ गया और 2017 विधानसभा चुनाव में बाहुबली इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू का साथ दिया।
2017 से 2022 तक उसने सत्ता पक्ष की राजनीति करते हुए भाजपा के समर्थन से पूरा ब्लॉक से प्रमुख का चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की लेकिन उसे टिकट नहीं मिला। हालांकि तत्कालीन भाजपा विधायक खब्बू तिवारी के जेल जाने पर 2022 के विधानसभा चुनाव में खब्बू तिवारी की पत्नी के समर्थन में वोट मांगे। इस दौरान उसका सपा विधायक अभय से कई बार आमना समाना हुआ।
17 मई को विकास के ठिकानो पर हुई थी छापेमारी
एनआईए ने लॉरेंस विश्नोई गिरोह से जुड़े खालिस्तानियों और शूटरों को पनाह देने के मामले में 17 मई को विकास के लखनऊ गोमतीनगर विस्तार स्थित पार्क व्यू अपार्टमेंट के फ्लैट पर छापा मारा था। उसके न मिलने पर अयोध्या देवगढ़ स्थित घर पर विकास से लंबी पूछताछ की थी।
थाना महाराजगंज का हिस्ट्रीशीटर है विकास
विकास सिंह 1995 में साकेत महाविद्यालय के महामंत्री रामगोपाल मिश्र की हत्या करने में सबसे पहली बार चर्चा में आया था। उसके बाद हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी जैसे 21 मामले कोतवाली अयोध्या, थाना राम जन्मभूमि और थाना महाराजगंज में दर्ज हुए।
उसके खिलाफ महाराजगंज में 2002 में हिस्ट्रीशीट खुली तो नगर कोतवाली नगर में 2006 में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई।