बिहार में CM नीतीश कुमार की 17 राजनीतिक दलों की बैठक पर बसपा प्रमुख मायावती ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल, जिन मुद्दों को उठा रहे हैं। बिहार में बैठक कर रहे हैं। ये दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए, की कहावत को चरितार्थ करता है।
उन्होंने आगे लिखा, वैसे अगले चुनाव की तैयार को ध्यान में रखते हुए तैयारियों से पहले ये पार्टियां आम लोगों के बीच भरोसा बनाए, तो बेहतर होता। इन्हें अपने गिरेबान में झांक कर नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेना चाहिए। मुंह में राम बगल में छुरी आखिर कब तक चलेगी?
मायावती ने कहा, महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता नहीं है।
गैर-भाजपा 17 पार्टियां बनाएगी 2024 चुनाव की रणनीति
नीतीश कुमार की अगुआई में 23 जून को पटना में गैर-बीजेपी 17 राजनीतिक दलों की बैठक होने जा रही है। जहां पर 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर साझा रणनीति बनाने पर चर्चा होगी। इस बैठक का मेन टारगेट होगा कि किस तरीके से 2024 में बीजेपी के विजय रथ को रोका जाए। पिछले 2 महीने से नीतीश विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं।
ये दल होंगे शामिल
इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के ही पूर्व सांसद राहुल गांधी शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, NCP सुप्रीमो शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेन्स नेता फारुक अब्दुल्ला, PDP सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती समेत लेफ्ट के कई नेता जैसे सीताराम येचुरी और डी राजा भी इस बैठक में शामिल होंगे।