नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को बर्मिंघम में खेले गए एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में एक गलती का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. आईसीसी ने स्लो ओवर रेट के लिए दोनों टीमों पर जुर्माना लगाया है. दोनों टीमों के खिलाड़ियों की 40 फीसदी मैच फीस के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के 2-2 अंक भी काटे गए हैं.
ऑस्ट्रेलिया ने WTC की तीसरी साइकिल के तहत खेली जा रही एशेज सीरीज के पहले टेस्ट को जीतकर 12 अंक हासिल किए थे. लेकिन, आईसीसी के जुर्माने के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के खाते में 10 अंक ही रह गए हैं. वहीं, इंग्लैंड को तो और बड़ा नुकसान हो गया. उसके भी 2 अंक काटे गए हैं, जिसका मतलब ये है कि इंग्लिश टीम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र (2023-25) में सभी आठों टीमों से पीछे हो गई है.
ICC के बयान के मुताबिक, मैच रैफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने पाया कि दोनों टीमों तय वक्त से 2 ओवर पीछे रही. इसलिए इन पर जुर्माना ठोका गया. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस और इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स दोनों ने ही प्रतिबंधों को मान लिया है. इसी वजह से इस मामले में किसी तरह कोई औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं थी.
क्या कहता है नियम?
खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए ICC के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.22 के तहत अगर कोई टीम स्लो ओवर रेट की दोषी पाई जाती है तो खिलाड़ियों पर हर ओवर के लिए 20 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया जाता है. इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया ने 2-2 ओवर कम फेंके थे. इसलिए कुल 40 फीसदी का जुर्माना लगाया गया.
वहीं, ICC World Test Championship की आर्टिकल 16.11.2 के मुताबिक, धीमी ओवर गति की दोषी पाए जाने वाली टीम को हर ओवर के लिए 1 अंक काटा जाता है. 2-2 ओवर देरी से फेंकने के कारण ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के 2-2 अंक काटे गए.