Rajasthan: पति ने 55 हजार रुपये का सिक्कों में किया भुगतान, पत्नी को देनी थी भरण पोषण राशि

Rajasthan: पति ने 55 हजार रुपये का सिक्कों में किया भुगतान, पत्नी को देनी थी भरण पोषण राशि

जयपुर। 55 हजार रुपये आमतौर पर नोट में ही एकसाथ लोगों ने देखे होंगे, मगर इतने ही राशि के सिक्के अगर देखने को एक साथ मिल जाएं तो आपके मन में क्या आएगा? एक साथ 55 हजार रुपये के सिक्कों से कोई आपको भुगतान कर दे तो आप क्या सोचेंगे? ये कोई मजाक नहीं बल्कि सच है, जो कि राजस्थान में हुआ है।

दरअसल राजस्थान के जयपुर में एक स्थानीय अदालत में माहौल काफी परेशानी भरा हो गया क्योंकि यहां एक व्यक्ति अपनी पत्नी को दी जाने वाली 55 हजार रुपये की भरण पोषण राशि को सिक्कों के तौर पर लेकर पहुंचा। पति द्वारा सिक्कों में 55 हजार रुपयों का भुगतान किए जाने पर पत्नी ने अधिवक्ता के जरिए इस पर आपत्ति जताई है। पत्नी ने इसे मानसिक प्रताड़ना करार दिया है।

इस मामले पर अदालत ने 26 जून को सुनवाई करने का फैसला किया है। साथ ही ये भी फैसला हुआ है कि पत्नी को सिक्के में ही ये राशि इस बार दी जाए। पति और पत्नी के बीच तलाक लेने को लेकर मामला कोर्ट में लंबित है, जिसपर सुनवाई भी जारी है। जानकारी के मुताबिक अदालत ने पति को आदेश दिया था कि पत्नी को हर महीने 5000 रुपये का गुजारा भत्ता देगा मगर उसने बीते 11 महीनों से इस राशि का भुगतान नहीं किया था।

इसके बाद बीते 17 जून को पुलिस ने उसे वसूली वारंट जारी कर गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक जयपुर के हरमाड़ा इलाके में रहने वाले दशरथ कुमावत और उनकी पत्नी के बीच तलाक का मामला चल रहा है। इसी बीच दशरथ ने अपनी पत्नी को भरण पोषण राशि का भुगतान लंबे समय से नहीं किया था। इसके बाद उसके खिलाफ वसूली वारंट जारी किया गया था। इस मामले पर पति के अधिवक्ता रमन गुप्ता का कहना है कि क्योंकि पति ने राशि देने से इनकार कर दिया, इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

वहीं पारिवार अदालत छुट्टियों की वजह से बंद थी, इसलिए उसे अतिरिक्त जिला जज की अदालत संख्या- 8 के लिंक अदालत में पेश किया गया जहां दशरथ के परिजन 55,000 रुपये के सिक्के उसकी पत्नी को देने पहुंचे।’’ उन्होंने बताया कि सात कट्टों में एक और दो रुपये के सिक्के भरे हुए थे। इस पर कुमावत ने आपत्ति जताई लेकिन पति की ओर से दलील दी गई कि ये सिक्के वैध मुद्रा हैं और इन्हें लेने से कोई मना नहीं कर सकता। 

गुप्ता ने बताया,“अदालत ने पति को 26 जून को पारिवार अदालत में अगली सुनवाई पर गिनती के बाद सिक्के देने की अनुमति दी। तब तक, सिक्के अदालत की अभिरक्षा में रहेंगे।’’ उन्होंने बताया, ‘‘अदालत में पत्नी को सौंपने से पहले पति को सिक्के गिनने होंगे और एक-एक हजार रुपये के पैकेट बनाने होंगे।’’ पत्नी सीमा कुमावत के अधिवक्ता ने कहा कि महिला को सिक्के देना मानसिक प्रताड़ना के बराबर है। उन्होंने कहा कि “यह केवल महिला को परेशान करने के लिए पूर्व नियोजित तरीके से किया गया था। हालांकि, अदालत ने उन्हें सिक्के देने की अनुमति दे दी है।

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