विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कफ सिरप से मौतों के मामले में सख्त कदम उठाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बने 7 कफ सिरप को जांच के घेरे में डाला है। वहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा दुनिया भर में दूषित कफ सिरप की आपूर्ति से संबंधित अपनी जांच में भारत में निर्मित सात खांसी की दवाईयों को जांच के घेरे में लिए जाने के कुछ घंटे बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत में नकली दवाओं के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है।
उन्होंने सुनिश्चित किया कि दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक जोखिम-आधारित विश्लेषण चल रहा है। भारत कभी भी दवाओं की गुणवत्ता पर मोलभाव नहीं करेगा। मंडाविया ने मंगलवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा सतर्क रहते हैं कि किसी की नकली दवाओं से मृत्यु न हो।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने फ सिरप बनाने वाली भारत की 7 कंपनियां जांच के घेरे में डाला है। कई देशों में कफ सिरप से 300 से ज्यादा मौतों के बाद ये कदम उठाया गया है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी जांच में भारत में निर्मित खांसी की दवाईयों को उनकी घटिया गुणवत्ता के लिए चिन्हित किया है, जिसके कारण दुनिया भर में करीब 300 बच्चों की मौत हो गई थी।