CM गहलोत को बेरोजगारों ने सौंपा 18 सूत्री मांगपत्र, उपेन बोले- जल्द वादे पूरे करें सरकार

CM गहलोत को बेरोजगारों ने सौंपा 18 सूत्री मांगपत्र, उपेन बोले- जल्द वादे पूरे करें सरकार

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पुरस्कारों के 16 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इस दौरान बेरोजगारों ने चुनाव से पहले लंबित भर्ती परीक्षाओं को पूरा करने के साथ ही, 1 लाख पदों पर भर्ती विज्ञप्ति जारी करने के साथ ही 18 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को मांगपत्र दिया। जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चर्चा के बाद जल्द से जल्द बेरोजगारों की लंबित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इस दौरान राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ भी मौजूद रहे।

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात में युवा बेरोजगारों की सकारात्मक चर्चा हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द बेरोजगारों की सभी लंबित मांगों को पूरा करेगी। जिससे राजस्थान के लाखों युवा बेरोजगारों को न्याय और रोजगार मिल सके।

बेरोजगारों ने CM के सामने रखी 18 मांगें

नई एक लाख भर्तियों का विभाग वाइज वर्गीकरण करके आचार संहिता लगने से पहले भर्तियों की विज्ञप्ति (भर्ती परीक्षा कैलेंडर) जारी की जाए।

1 लाख प्रक्रियाधीन भर्तियों की नियुक्ति प्रक्रिया आचार संहिता से पहले पूरी की जाए। जिसमे पीटीआई भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों को जून आखरी या जुलाई के पहले सप्ताह तक और अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों अगस्त महीने तक नियुक्ति दी जाए।

CHO भर्ती परीक्षा पेपर लीक में युवा बेरोजगारों के साथ न्याय किया जाए।

पंचायती राज JEN भर्ती 2600 पदों पर निकाली जाए।

भविष्य में आने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में मेरिट प्रथा को समाप्त कर लिखित परीक्षा के माध्यम से सिलेक्शन किया जाए।

संविदा पर भर्ती निकालने की प्रथा पर रोक लगते हुए भर्ती परीक्षाओं में इंटरव्यू प्रक्रिया को खत्म किया जाए।

प्रदेश की भर्तियों में प्रदेश के बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही फर्जी डिग्री डिप्लोमा के खिलाफ सख्त कानून लाया जाए।

बजट की घोषणा और आंदोलन के समझौते की मांगों को तत्काल पूरा किया जाए।

युवा बेरोजगार बोर्ड का गठन किया जाए।

युवा बेरोजगारों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाए। इसके साथ ही युवा बेरोजगारों की मांगों के निस्तारण के लिए स्थाई कमेटी का गठन किया जाए l

CET में मिनिमम 40% तय की जाए। इसके साथ ही रीट लेवल-2 में 4500 पद बढ़ाया जाए।

भर्ती परीक्षाओं के पेपर के सवालों के विवाद को लेकर पेपर बनाने वालो की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही गलत पेपर बनाने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी और आर्थिक दण्ड की कार्रवाई की जाए।

भर्ती परीक्षा पेपर लीक को लेकर राज्य और केंद्र सरकार उम्र कैद की सजा का प्रावधान का कानून लेकर आए। इसके साथ ही पेपर लीक को लेकर तत्काल राजपासा या रासुका कानून लागू किया जाए।

पंचायत राज एलडीसी 2013, 6029 पदों पर और नर्सिंग भर्ती 2013 को पूरी की जाए।

आरपीएससी भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जल्द से जल्द जारी किया जाए।

यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी, कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाए। इन दोनों संस्थाओ में राजनीतिक नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए।

इन पदों पर नई भर्तियां निकाली जाए।

फर्स्ट ग्रेड, सेकंड ग्रेड, थर्ड ग्रेड, RAS, एलडीसी, SI, AEN, कंप्यूटर अनुदेशक,, फोर्थ ग्रेड कर्मचारी, टेक्निकल हेल्पर, ब्लड बैंक,ओटी, कैथ लैब डायलिसिस टेक्निशियन, डीएलबी की सेनेटरी इंस्पेक्टर, एलडीसी, सहकारी विभाग में बैंक और अन्य पदों पर, राजस्थान सरस डेयरी के विभिन्न पदों पर, पर्यटक मित्र भर्ती, विशेष शिक्षा में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती, पीटीआई भर्ती, राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में टीचिंग की भर्ती, राजस्थान में योग और प्राकृतिक चिकित्सकों की भर्ती निकाली जाए।

बता दें कि जयपुर में 6 जून को बेरोजगारों ने महासम्मेलन आयोजित किया था। जिसमें आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला शामिल हुए थे। इस महासम्मेलन में ही धर्मेंद्र राठौर ने बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का वादा किया था। इसके बाद आज बेरोजगारों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखी है। ऐसे में अब देखना होगा युवा बेरोजगारों की लंबित मांगें सरकार कब तक पूरी करती है।

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