अपने ही कर्मचारियों को AI के इस्‍तेमाल से क्‍यों रोक रही गूगल, खुद बनाया है बार्ड चैटबॉट

अपने ही कर्मचारियों को AI के इस्‍तेमाल से क्‍यों रोक रही गूगल, खुद बनाया है बार्ड चैटबॉट

नई दिल्ली: जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया और ChatGPT पॉपुलर होने लगा, तो गूगल ने AI रेस में बने रहने के लिए आनन-फानन में अपना चैटबॉट Bard लॉन्च कर दिया. गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सबसे बड़े पैरोकारों में से एक है, पर अब गूगल की पेरेंट कंपनी Alphabet Inc ही अपने स्टाफ को AI सिस्टम्स का इस्तेमाल करने से रोक रही है. कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वो चैटबॉट में ऐसी जानकारी न डालें जो कॉन्फिडेंशियल है. कंपनी का कहना है कि वो इंफॉर्मेशन की सेफ्टी के लिए ऐसा कर रही है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Alphabet Inc अपने कर्मचारियों को Bard समेत दूसरे AI सिस्टम्स के इस्तेमाल को लेकर सचेत कर रही है. ये तब है जब कंपनी खुद अपने AI प्रोग्राम को पूरी दुनिया में प्रचारित कर रही है. इस मामले से जुड़े लोगों ने रॉयटर्स को बताया है कि गूगल ने अपने इंजीनियर्स से भी कहा है कि वो चैटबॉट से जनरेट होने वाले कम्प्यूटर कोड के डायरेक्ट इस्तेमाल से बचें. इसे लेकर कंपनी का कहना है कि बार्ड प्रोग्रामर्स के लिए मददगार है, लेकिन वो अनचाहे कोड सजेशंस भी दे सकता है. कंपनी ने कहा कि वो अपनी टेक्नोलॉजी की कमियों को लेकर ट्रांसपेरेंट है.

गूगल की ये चिंता बताती है कि वो अपने ही लॉन्च किए गए सॉफ्टवेयर से अपने बिजनेस का नुकसान नहीं झेलना चाहती है. आपको बता दें कि OpenAI के चैटबॉट ChatGPT को माइक्रोसॉफ्ट की बैकिंग मिली हुई है. इसके कॉम्पिटीशन में गूगल ने अपना चैटबॉट बार्ड इस साल मार्च में लॉन्च किया था.

कई बड़ी कंपनियां अपने फंक्शंस में AI का इस्तेमाल कर रही हैं

एमेजॉन से लेकर सैमसंग और डॉयच बैंक जैसे बड़े बिजनेसेस यूजर्स के लिए AI सिस्टम लॉन्च कर रहे हैं. वहीं, गूगल जैसे कॉर्पोरेशंस सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स का हवाला देकर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध AI प्रोग्राम्स के इस्तेमाल से अपने स्टाफ को रोक रहे हैं.

फिशबोल ने अमेरिका की टॉप कंपनियों के करीब 12,000 कर्मचारियों पर एक सर्वे किया था. इस सर्वे के मुताबिक, करीब 43 प्रतिशत कर्मचारी ChatGPT या फिर दूसरे AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर अपने एम्प्लॉयर्स को बताए बिना इसका इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

क्यों बैन लगा रही हैं कंपनीज़?

AI टेक्नोलॉजी इमेल भेज सकती है, डॉक्यूमेंट्स तैयार कर सकती है, AI सिस्टम आपका काम तेज़ी से करके देने की क्षमता रखते हैं. हालांकि, AI सिस्टम गलत जानकारी भी दे सकता है, सेंसिटिव डेटा भी AI सिस्टम जारी कर सकता है. माइक्रोसॉफ्ट के कन्ज्यूमर चीफ मार्केटिंग ऑफिसर युसुफ मेहदी ने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है कि कंपनियां अपने स्टाफ को काम के लिए पब्लिकली अवेलेबल चैटबॉट का इस्तेमाल करने से रोकती हैं. जब काम के लिए AI के इस्तेमाल की बात आती है तो कंपनीज़ थोड़ा कंजर्वेटिव तरीके से सोचती हैं. उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के फ्री बिंग चैटबॉट और एंटरप्राइस सॉफ्टवेयर में काफी अंतर है. एंटरप्राइस सॉफ्टवेयर के लिए पॉलिसीज़ ज्यादा सख्त बनाई गई हैं.

यहां पर एक और बात ध्यान में रखने वाली है कि ChatGPT और Bard दोनों ही बाय डिफॉल्ट यूजर्स की चैट हिस्ट्री सेव करते हैं, इसका इस्तेमाल दोनों AI सिस्टम्स खुद को इम्प्रूव करने के लिए करते हैं. हालांकि, यूजर्स के पास हिस्ट्री डिलीट करने का ऑप्शन होता है.

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