कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछली भाजपा सरकार के कई फैसलों को लगातार पलटा जा रहा है। इसी कड़ी में कर्नाटक मंत्रिमंडल ने भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का फैसला किया था। अब इसी को लेकर भाजपा कांग्रेस पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। भाजपा ने साफ तौर पर कांग्रेस पर जबरन धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने का आरोप लगा दिया है।
भाजपा महासचिव का बड़ा बयान
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वह जबरन धर्मांतरण के पक्ष में है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा जबरन धर्मांतरण के लिए कानून लेकर आई थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस जबरन धर्म परिवर्तन को बढ़ावा दे रही है, उन लोगों को लाईसेंस दे रही है जो धर्मांतरण करा रहे हैं। मैंने संत गनों से अनुरोध किया है कि हिंदू समाज की रक्षा करना आपकी जिम्मेदारी है। आप महापंचायत कर कांग्रेस के इस निर्णय के खिलाफ संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानून बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी के माध्यम से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाता है, तो कांग्रेस पार्टी का क्या रुख है, क्या वे जबरन धर्म परिवर्तन के पक्ष में हैं।
विरोध करेगी भाजपा
कांग्रेस सरकार से धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के उसके फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई ने आगामी दिनों में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की शुक्रवार को चेतावनी दी। विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कांग्रेस सरकार ‘‘धर्मांतरण के लिए ब्रांड एंबेसडर’’ बनकर कर्नाटक को ‘‘टीपू सुल्तान युग’’ में वापस धकेल रही है। भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री आर. अशोक ने कहा, ‘‘कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में एक बार फिर से ‘टीपू युग’ की शुरुआत की नींव रख दी गई है। कांग्रेस ने धर्म परिवर्तन का ब्रांड एंबेसडर बनने का फैसला किया है।’’