नई दिल्ली: क्रिकेट में गेंद की चमक बनाए रखने के लिए गेंदबाजों आर फील्डर्स द्वारा प्राकृतिक तरीकों का बरसों से इस्तेमाल किया जाता रहा है, इन तरीकों में लार और पसीने से गेंद चमकाना शामिल था. माना जाता है कि लार-पसीने के इस्तेमाल से गेंद, विशेषकर लाल गेंद को स्विंग कराने में अतिरिक्त मदद मिलती है. क्रिकेट के नियम बनने के साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इसकी इजाजत दे रखी थी. नियमों में लार या पसीने जैसे प्राकृतिक तरीके से तो गेंद चमकाने की इजाजत थी, लेकिन जैली या क्रीम जैसी चीजों को इस्तेमाल इस काम के लिए करना प्रतिबंधित है. आपने बॉलर्स को गेंद को पेंट या शर्ट की बांह से रगड़ते हुए भी देखा होगा. यह भी जायज है लेकिन कोल्ड ड्रिंक की बॉटल या किसी अन्य नुकीली चीज से गेंद का शेप खराब करना प्रतिबंधित है.
कोरोनाकाल में लगी रोक को स्थायी किया गया
वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के बाद आईसीसी ने मई 2020 में गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी. हालांकि गेंद को पसीने से चमकाने की इजाजत दी गई थी. गेंद पर लार के इस्तेमाल से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए यह फैसला लागू किया गया था. बहरहाल, सितंबर 2022 में गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग पर स्थायी तौर पर पाबंदी लगा दी गई .ICC की आचार संहिता 41.3 में संशोधन के साथ ही गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को अब पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. इंटरनेशनल मैच के दौरान किसी खिलाड़ी की ओर से गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल अब बॉल टेम्परिंग ( Ball Tempering) की श्रेणी में ही गिना जाएगा. अक्टूबर 2022 से यह फैसला लागू कर दिया गया है. पसीने के जरिये गेंद चमकाने की इजाजत रहेगी.
रिवर्स स्विंग में मददगार है लार
वैसे, गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध को लेकर दुनियाभर के क्रिकेटरों की अलग-अलग राय है. तेज गेंदबाज शमी (Mohammed Shami) ने एक टीवी शो में कहा था, ‘पसीने के इस्तेमाल से हम गेंद को भारी और नरम करते हैं, लेकिन रिवर्स स्विंग हासिल करने के लिए लार की जरूरत होती है. यह गेंद को सख्त-चमकदार बनाने के सााथ रिवर्स स्विंग में भी मददगार होती है.अब लार के इस्तेमाल के बिना ऐसा करना हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी.’ बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान (Irfan Pathan)ने कहा कि लार के इस्तेमाल पर बैन से अब गेंद हवा में उतनी बेहतर तरीके से नहीं घूम पाएगी जैसे पहले होती थी. उन्होंने भी कहा था कि जहां तक रिवर्स स्विंग हासिल करने की बात है तो पसीना उतना प्रभावी नहीं है जितना लार होती थी. ऑस्ट्रेलिया के जोश हेजलवुड ने भी इसी तरह की राय रखते हुए कहा था कि लार के इस्तेमाल के बैन के कारण टेस्ट क्रिकेट खेलना अब अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगा.
क्या हो सकते हैं वैकल्पिक उपाय
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज शॉन टैट (Shaun Tait) ने कहा, ‘मैं कभी भी गेंद पर लार के इस्तेमाल का बड़ा पैराकार नहीं रहा, यह बहुत अच्छा नहीं है.’ हालांकि उन्होंने इस संबंध में कुछ बदलाव लाए जाने पर जोर दिया.दक्षिण अफ्रीका के लुंगी एंगिडी ने लार के उपयोग पर प्रतिबंध की स्थिति से उबरने के लिए अन्य वैकल्पिक उपाय जैसे-गीले टॉवल के इस्तेमाल की इजाजत देने का सुझाव दिया. भारत के दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने कहा कि पिच की मदद से खेल को गेंद और बल्ले के बीच संतुलित किया जा सकता है. विकेट को बॉलरों के लिए मददगार बनाकर ऐसा किया जा सकता है.