आप कह सकते हैं कि लगभग सभी लोग कम्प्यूटर या लैपटॉप ऑन करते ही Refresh का बटन दबाने लगते हैं. ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि इससे कम्प्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम, मेमोरी और रैम जैसी चीजें रिफ्रेश हो जाती हैं और कम्प्यूटर पहले से ज्यादा स्मूद चलने लगता है. लेकिन, क्या सच में ऐसा होता है आइए जानते हैं.
लगभग सभी लोगों की आदत होती है कि वे कम्प्यूटर ऑन करते ही बार-बार रिफ्रेश ऑप्शन क्लिक करने लगते हैं. इसके बाद ही किसी और फोल्डर या फाइल को ओपन करते हैं. साथ ही किसी फाइल के हैंग होने पर भी रिफ्रेश ऑप्शन पर जाते हैं.
रिफ्रेश करने वाले ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि इससे कम्प्यूटर की स्पीड बढ़ जाएगी. लेकिन, हम आपको बता दें कि इसका स्पीड से कोई लेना देना नहीं होता है. तो आप सोच रहे होंगे कि फिर ये ऑप्शन किस वजह से दिया जाता है
दरअसल, डेस्कटॉप या होम स्क्रीन भी अपने आप में एक फोल्डर है. ये अपने ही आप रिफ्रेश होता है. यानी जो भी बदलाव किए गए हैं जो फिर फोल्डर रखे गए हैं वो दिखाई देने लगते हैं. लेकिन, अगर ऐसा नहीं होता तब रिफ्रेश का ऑप्शन सेलेक्ट किया जाता है
जब डेस्कटॉप में रिफ्रेश का ऑप्शन सेलेक्ट किया जाता है तब ये फोल्डर को लेटेस्ट इंफॉर्मेशन के साथ डिस्प्ले करता है. आप इसे उदाहरण के जरिए समझ सकते हैं. जैसे आपने डेस्कटॉप पर कुछ फोल्डर्स को रिनेम किया. लेकिन, फिर भी अगर फोल्डर अल्फाबेट के ऑर्डर में नहीं आए
तो रिफ्रेश का ऑप्शन सेलेक्ट करने पर डेस्कटॉप में मौजूद सभी फोल्डर अल्फाबेटिक ऑर्डर में सेट हो जाएंगे. इसी तरह कोई शॉर्टकट नजर न आएं या कोई सेट किया वॉलपेपर न दिखाई दे तो आप रिफ्रेश का ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं