राजस्थान के टाइगर्स को पहली बार इंसानों की तरह सप्ताह में एक दिन की छुट्टी (वीक ऑफ) दी जाएगी। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के आदेश के बाद 1 जुलाई से हर बुधवार प्रदेश के टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद रहेंगे। ऐसे में प्रदेश के रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बुधवार के दिन पर्यटन गतिविधियां बंद रहेंगी।
दरअसल, 3 जनवरी को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की दिल्ली में आयोजित मीटिंग में सांसद और एनटीसीए की सदस्य दीया कुमारी ने टाइगर्स को वीक में एक दिन रेस्ट देने का मुद्दा उठाया था। इस पर दूसरे सदस्यों ने भी सहमति जताई थी। इसके बाद एनटीसीए ने टाइगर रिजर्व में वीक ऑफ देने का फैसला किया। देशभर में इसे लागू करने की प्रक्रिया के आदेश जारी कर दिए। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, झारखंड और बिहार में बने टाइगर रिजर्व में वीक ऑफ की प्रक्रिया शुरू की गई। छठे नंबर पर राजस्थान में इस प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
राजस्थान के वन विभाग ने 13 जून को टाइगर रिजर्व में वीक ऑफ देने का फैसला किया। प्रदेश के चारों टाइगर रिजर्व में एक जुलाई से इसे लागू कर दिया जाएगा।
राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख मनीष कुमार गर्ग ने बताया कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के आदेश के बाद देशभर में टाइगर रिजर्व में वीक ऑफ की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसी कड़ी में राजस्थान में भी इसे लागू किया जा रहा है। ताकि बिना पर्यटन गतिविधियों के टाइगर भी एक दिन आराम कर सकें।
एडवांस बुकिंग की राशि होगी रिफंड
राजस्थान के वन्य जीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने बताया- जिन पर्यटकों ने 1 जुलाई के बाद बुधवार को टाइगर रिजर्व में सफारी बुक करा रखी थी। उन्हें अब रिफंड दिया जाएगा। इसके लिए रिफंड की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
हालांकि प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में पर्यटन गतिविधियों को बंद करने का विरोध भी शुरू हो गया है। वन विभाग के फैसले के बाद रणथंभौर में ड्राइवर और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि सवाई माधोपुर में सरकार को इस फैसले को लागू नहीं करना चाहिए।
ट्रैवल एजेंट बोले- लोकल होटल और व्यापारियों को नुकसान
रणथंभौर के ट्रैवल एजेंट शशांक सारस्वत ने कहा- सरकार का यह फैसला पूरी तरह से गलत है। पहले से ही रणथंभौर में सिर्फ 6 महीने का टूरिस्ट सीजन होता है। उसमें भी अब वीक ऑफ लागू कर दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान रणथंभौर और राजस्थान के पर्यटन को होगा। क्योंकि राजस्थान में ज्यादातर लोग वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए आते हैं।
सारस्वत ने कहा- जिन लोगों ने अब तक बुकिंग करा रखी थी। उन्हें तो सीधा नुकसान हो ही रहा है। इसके साथ ही ट्रैवल एजेंट, लोकल होटल और दूसरे जो व्यापारी हैं। उन्हें भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसका हमने पहले भी विरोध किया। आगे भी हम पुरजोर विरोध करेंगे।
राजस्थान के चारों टाइगर रिजर्व की स्थिति
जिला रिजर्व टाइगर की संख्या
सवाई माधोपुर रणथंभौर टाइगर रिजर्व 73+
अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व 25+
कोटा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व 1
बूंदी रामगढ़ विषधारी टाइगर 1
लगातार सात दिन सफारी से वन्य जीवों पर पड़ता है दबाव
राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने कहा- एनटीसीए की गाइडलाइंस के बाद देशभर के टाइगर रिजर्व में छुट्टी (वीक ऑफ) का निर्णय अच्छी पहल है। केंद्र सरकार ने बाघों और अन्य वन्य जीवों की सुरक्षा, रिजर्व के रख-रखाव के लिए यह निर्णय बहुत ही सोच-समझकर लिया है। सप्ताह के सातों दिन सफारी से वन्य जीवों पर दबाव बढ़ता है। इससे वन्य जीवों को परेशानी हो रही थी। ऐसे में सरकार के इस फैसले से वन्य जीवों के साथ ही रिजर्व के स्टाफ को भी राहत मिल सकेगी।