सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आलोचना करने वालों को देशद्रोही समझ रहे हैं। मैं तो कहता हूं मेरी और मेरी सरकार की आलोचना होती है तो मुझे अच्छा लगता है। हो सकता है उसमें कुछ ऐसे तथ्य हों, जिससे सरकार में अगर सुधार हो तो सरकार जनता का भला कर सकती है। उसमें दिक्कत क्या है? अगर मैं आलोचना पसंद नहीं करूं, तो सच्चाई कैसे सामने आएगी? टि्वटर के संस्थापक ने केंद्र सरकार पर जो आरोप लगाए हैं वह गंभीर बात है। यह स्थिति अच्छी नहीं है। गहलोत जयपुर में गांधी दर्शन सम्मेलन में बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा- देश में संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों को आलोचना पसंद नहीं है। विपक्ष को खत्म करना चाहते हैं। अगर विपक्ष है तो ही पक्ष है। अगर लोकतंत्र में विपक्ष नहीं है तो फिर सरकार का क्या मतलब है। सरकार का मतलब तब है, जब विपक्ष की आलोचना सुनने का माद्दा हो।
धर्म-जाति के नाम पर चुनाव जीतना बहादुरी नहीं है
गहलोत ने कहा- देश में लोकतंत्र की स्थिति क्या है, देश किस दिशा में जाएगा कोई नहीं कह सकता। जिस प्रकार आरएसएस-बीजेपी के लोगों ने कब्जा किया है। धर्म और जाति के नाम पर चुनाव जीतना बहुत आसान काम होता है। धर्म-जाति के नाम पर चुनाव जीतना बहादुरी का काम नहीं है। जाति और धर्म ऐसी चीज है, उसमें सब कुछ संभव है।
यूपीए सरकार को बदनाम करने के लिए चली थी चाल
गहलोत ने कहा- अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल को आगे करके बीजेपी-आरएसएस ने यूपीए सरकार के खिलाफ माहौल बनाया। 2जी स्पेक्ट्रम, कोलगेट मुद्दे को उठाकर यूपीए सरकार को बदनाम किया। आज कोई इनका नाम तक नहीं लेता। उसकी कोई आज बात नहीं करता, कोई जेल गया क्या? लोकपाल को लेकर कितना हंगामा मचाया। आज देश में लोकपाल की चर्चा तक नहीं होती। धर्म के नाम पर सरकार बदल जाती है।
लोकतंत्र में यकीन है तो केंद्र सरकार भी बनाए शांति और अहिंसा विभाग
गहलोत ने कहा- देश के हर राज्य में शांति और अहिंसा विभाग बनाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार में भी विभाग बने। बीजेपी और केंद्र में बैठे लोगों से मैं कहना चाहूंगा कि अगर आपका वास्तव में लोकतंत्र में यकीन है। संविधान में आपकी आस्था है, ईमानदारी से आप राजनीति कर रहे हो तो केंद्र में शांति और अहिंसा विभाग बनाइए। लोकतंत्र का खाली मुखौटा पहनकर आप सरकार बनाते हो, वह अलग बात है। आप केंद्र में शांति और अहिंसा विभाग बनाओ तब मानेंगे कि आप ईमानदारी से प्रयास कर रहे हो।
बीजेपी वालों का आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं
गहलोत ने कहा- कांग्रेस बलिदान देने वाली पार्टी है। अब ये लोग सत्ता में आ गए हैं। इन्हें आप ईमानदारी से पूछिए कि आजादी की जंग में ये बीजेपी वाले लोग कहां थे। आजादी की जंग में बीजेपी वालों ने एक उंगली भी कटाई नहीं। बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं। कहते हैं 70 साल में कुछ नहीं किया। जिस वक्त देश आजाद हुआ उस वक्त सुई तक नहीं बनती थी। बिजली क्या होती है। लोग समझते नहीं थे। आज देश कहां से कहां पहुंच गया और फिर भी कहते हैं 70 साल में क्या हुआ?
मैं पहले बोलने से डरता था, कैंप में सबसे पीछे बैठता था
गहलोत ने कहा- गांधीवादी प्रदेश की बहुत बड़ी पूंजी हैं। ये देश की पूंजी बन सकते हैं। मैं भी आपकी तरह ही काम करता था। बचपन में तरुण शांति के कैंप हुआ करते थे। रामजी भाई देसाई हुआ करते थे, उन्होंने गांधी कथा करवाई थी। कैंपों में मैं सबसे पीछे बैठने वालों में था। गांधीवादी कुमार प्रशांत आगे बैठने वालों में थे। मुझे बोलना नहीं आता था, मैं डरता था कि कहीं बोलने के लिए नाम नहीं पुकार लें। मुझे इतना संकोच होता था और मैं सबसे पीछे बैठता था। कुमार प्रशांत इस क्षेत्र में आगे बढ़े। मैं आप सब की दुआओं से घूमता-घूमता यहां तक आ गया।