Prayagraj: माफिया अतीक और अशरफ भले ही मिट्टी में मिल चुके हों, लेकिन उनके शूटरों और गुर्गों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. माफिया ब्रदर्स की हत्या हुए दो महीने का समय बीत चुका है, लेकिन माफिया के गुर्गे आज भी घूम-घूम के लोगों से रंगदारी मांग रहे हैं. रंगदारी न देने पर पूरा का पूरा परिवार खत्म कर देने की धमकी दे रहे हैं. इससे साफ है कि शूटरों और गुर्गों का हौसला आज भी बुलंद है. उन्हें पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई का बिलकुल भी डर नहीं है.
एक ऐसा ही मामला धूमनगंज क्षेत्र से सामने आया है. यहां हरवारा के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर अशरफ सिद्दीकी ने अतीक के शूटरों और गुर्गों पर 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगने व जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया है. मामला प्रकाश में आते ही आला अफसरों के भी हाथ-पैर फूल गए. पीड़ित ने अतीक के शूटर आबिद प्रधान और फरहान समेत आठ लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
गाड़ी से बाहर खींचा फिर मारा थप्पड़
धूमनगंज थाना क्षेत्र के हरवारा निवासी प्रॉपर्टी डीलर अशरफ सिद्धकी ने पुलिस को बताया कि 28 मई को करीब दोपहर 2:00 बजे वह झलवा गया था. वहां किसी से मिलने के बाद वह उसी रास्ते से होते हुए अपने अब्बा से मिलने पैतृक गांव हटवा के लिए जा रहा था. तभी आबिद प्रधान ने अपने भतीजे जीशान और दानिश, अबूबकर, फैजान, कमर, हारून व जावेद संग मिलकर असलहा के दम पर उसकी गाड़ी बीच रास्ते में रोक ली. चारों तरफ से अपने आप को गिरा देख प्रॉपर्टी डीलर सहम गया.
इतने में आबिद प्रधान ने गाली देते हुए उसे गाड़ी से बाहर खींच लिया. जब तक प्रॉपर्टी डीलर कुछ बोल पाता, तब तक आबिद प्रधान उसके गाल पर दो-तीन थप्पड़ जड़ चुका था. आरोप है कि आबिद ने जबरदस्ती प्रॉपर्टी डीलर के कान में मोबाइल फोन लगा दिया. उसके बाद उसने फोन लाइन पर मौजूद फरहान से बातचीत कराई. उस दौरान फरहान ने फोन पर कहा कि 15 दिन में इन लोगों को 50 लाख दे देना. वरना तू और तेरा परिवार जिंदा नहीं रहेगा.
यह सब होता देख प्रॉपर्टी डीलर रोने और गिड़गिड़ा ने लगा. हाथ-पैर जोड़ते हुए वहां से किसी तरीके से निकलकर वह थाने पहुंचा. पूरी दास्तां उसने पुलिस अफसरों को सुनाई औरतहरीर दी. जिसके बाद अतीक के दो शूटर समेत आठ लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में रिपोर्ट लिखी गई. पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उसको धमकी दी है कि अगर वह मामले की रिपोर्ट थाने में लिखाता है तो उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे. आरोप है कि पैसे न देने पर उसकी कभी भी हत्या कर सकते हैं.
ऐसे समझे कौन हैं आबिद और फरहान
आबिद प्रधान पूरामुफ्ती थाना का हिस्ट्रीशीटर है. आबिद के ऊपर 35 से अधिक अपराधी मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें राजू पाल व अलकमा-सुरजीत हत्याकांड भी शामिल है. वर्तमान समय में आबिद जमानत पर बाहर है. बीते कुछ साल पहले आबिद को सरकारी गनर भी मिला था. जब मामला तूल पकड़ा और अफसरों की फजीहत हुई कि आखिर कैसे हिस्ट्रीशीटर को गनर मिल गया तो उसके बाद आनन-फानन में अफसरों को उसका सरकारी गनर भी हटाना पड़ा.
आबिद पर रंगदारी, अपहरण, जमीन कब्जाना, धमकाना जैसे मुकदमे कई हैं. एक समय में आबिद प्रधान अतीक का राइट हैंड व शार्प शूटर भी कहलाता था. अतीक के दिन गर्दिश में होने पर आबिद ने धीरे-धीरे दूरी बना ली, लेकिन आज भी वह अतीक के नाम पर वसूली रंगदारी जैसे खेल को अंजाम दे रहा है. वहीं बात करें अगर फरहान की तो फरहान भी अतीक गैंग का शूटर है.
राजू पाल हत्याकांड और मरियाडीह दोहरे हत्याकांड में अतीक-अशरफ के साथ नामजद है. फरहान पर भी 29 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म, रंगदारी मांगना, फायरिंग और बमबाजी जैसे मुकदमे शामिल हैं. 2018 में कौशांबी से पेशी पर लाए जाते वक्त पुलिस अभिरक्षा से फरार भी हुआ था. 2019 में गिरफ्तारी के बाद वह फिलहाल चित्रकूट जेल में बंद चल रहा है.