तूफानी चक्रवात बिपरजॉय को लेकर इस वक्त गुजरात सहित कई तटीय राज्यों में भारी नुकसान की आशंका बनी हुई है. आज शाम तक बिपरजॉय गुजरात के तट से टकरा सकता है. बिपरजॉय अरब सागर में सबसे लंबे समय तक रहने वाला चक्रवाती तूफान बनने वाला है. यह 6 जून को अरब सागर के ऊपर बना था और लगभग आठ दिनों से अस्तित्व में यानी कि बना हुआ है. वहीं लैंडफॉल बनाते समय भी यह कुछ और दिनों तक प्रभावी रहेगा.
1998 के चक्रवात में 1176 लोगों की हुई थी मौत
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, ‘बिपारजॉय’ 1965 के बाद जून में पश्चिमी राज्य पर हमला करने वाला तीसरा चक्रवात है. इससे पहले, केवल दो गंभीर चक्रवात गुजरात से होकर गुजरे थे. पहला 1996 में और दूसरा 1998 में. बता दें कि 1998 का चक्रवात ‘बेहद गंभीर’ था और पोरबंदर के तट पर 160 किमी प्रति घंटे से अधिक की भारी हवा की गति से टकराया था. इसमें 1,176 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए थे.
150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराएगा बिपरजॉय
आशंका जताई जा रही है कि बिपरजॉय गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ जबकि पाकिस्तान के कराची को 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार कर सकता है. यह 25 साल बाद जून में गुजरात के तट से टकराने वाला पहला चक्रवात है. अरब सागर पर नजर डालें तो जून में 1965 से 2023 के बीच ‘बिपारजॉय’ को छोड़कर 13 चक्रवात आए. इनमें से छह अरब सागर के ऊपर ही कमजोर हो गए थे. जबकि दो गुजरात के तट से टकराते हुए पार हो गए. जबकि एक-एक महाराष्ट्र, पाकिस्तान, ओमान और यमन में जाकर खत्म हुए. इनमें 2019 की ‘क्यार’ बेहद खतरनाक थी और यह 9 दिन 15 घंटे तक रहा था.
बांग्लादेश ने सुझाया बिपरजॉय तूफान का नाम
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, ‘बिपरजॉय’ शब्द बांग्लादेश द्वारा सुझाया गया है और बांग्ला में इसका अर्थ ‘आपदा’ होता है. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, “इसकी विनाशकारी क्षमता व्यापक हो सकती है.” आईएमडी ने बताया है कि तूफानी चक्रवात किस तरह नुकसान पहुंचा सकता है…
तूफान चक्रवात के चलते फूस के घर व कच्चे मकानों को भारी नुकसान हो सकता है. पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है.
उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा हो सकता है.
बिजली और संचार के खंभों को नुकसान पहुंच सकता है.
कच्ची और पक्की सड़कों को भारी नुकसान ोह सकता है.
रेलवे, ओवरहेड बिजली लाइनों और सिग्नलिंग सिस्टम में व्यवधान पड़ सकता है.
खड़ी फसलों, वृक्षारोपण, बागों को व्यापक नुकसान हो सकता है.
छोटी नावें और घाटों को नुकसान हो सकता है.
घर के अंदर रहने पर तूफानी चक्रवात आने पर क्या करें और क्या न करें…
बिजली के मेन और गैस की आपूर्ति बंद करें
दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें
घर के पास सूखे पेड़ों/शाखाओं को हटा दें
खिड़कियों और दरवाजों में कांच चढ़ाएं या तूफान के शटर लगाएं
यदि घर या आश्रय कमजोर है, तो चक्रवात आने से पहले सुरक्षित स्थान पर चले जाएं
यदि घर सुरक्षित रूप से बना हुआ है तो सबसे सुरक्षित भाग में आश्रय लें
मूल्यवान वस्तुओं को ऊपरी मंजिलों पर ले जाएं
एक आपातकालीन किट और प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स तैयार रखें
छोटी और ढीली चीजों को सुरक्षित स्थान पर रखें जो आसानी से उड़ सकती हैं.
बाहर रहते हुए तूफान आने पर क्या करें और क्या ना करें
बिजली के ढीले व लटकते तारों से सख्ती से बचें.
पास के आश्रय स्थलों में चले जाएं
आश्रयों में प्रभारी व्यक्ति के निर्देशों का पालन करें
आश्रय गृह में तब तक रहें जब तक कि आपको घर लौटने की सूचना न दी जाए
यदि वाहन चलाना ही पड़े तो सावधानी से चलायें.